जालंधर : टैक्नोलॉजी के विकास से शोधकर्ता उन क्षेत्रों में नए-नए अविष्कार कर रहे हैं जहां पर मानव जीवन को खतरा है। मुनष्य जीवन की सुरक्षा के लिए शोधकर्ता यानि इंजीनियर अलग-अलग और नए विचारों के साथ काम कर रहे हैं। इस से पहले वर्चुअल रियलिटी (वीआर) की अवधारणा थी, जिसमें गेमर्स एंव व्यवसाय को बढ़ावा देने संबंधित अनुप्रोयग मु य थे। मगर इन दिनों वर्चुअल टैली-प्रिजेंस की अवधारणा धीरे-धीरे मु यधारा के तकनीकी अनुप्रयोगों में अपना मार्ग प्रशस्त कर रही है, जो किसी व्यक्ति को उस दुनिया में जाए बिना वास्तविक रूप से घूमने का मौका प्रदान करवाती है।

स तरह की टैक्नोलॉजी के फादयों से प्रेरणा लेते हुए सीटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट एंव टैक्नोलॉजी (सीटी.आइ.ई.एम.टी) के छात्रों ने बैटरी ऑपरेटेड वर्चुअल टेली-प्रिजेंस रोबोट बनाया है। बी-टैक डिर्पाटमेंट ऑफ ईसीई के आखरी साल के छात्र लखविंदर सिंह, अमित कुमार ने विभाग के मुखी डॉ. हरजीत पाल सिंह एंव नूरइंदर कौर के मार्गदर्शन से यह नया अविष्कार सफलता पूर्वक किया गया।

प्रोजैक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए लखविंदर सिंह ने कहा कि रोबोट रास्पबेरी-पाई प्लैट फॉर्म का उपयोग करके डिजाइन किया गया। इसके साथ ही दृश्यों को रिकॉर्ड करने के लिए डिजिटल कैमरे और लाइव फीड के लिए मोबाइल का इस्तेमाल किया गया। रोबोट प्रणाली को एक्सेलेरोमीटर के साथ जोड़ा गया। यह रोबोट संचालक के मोबाइल से कोनेक्ट होता है, जिससे से संचालक रोबोट को अपनी गर्दन की दिशा से चलाता है। किसी भी जगह पर मोड़ता है तो कैमरा अपने आप स्थानिय क्षेत्र की लाइव विडियो मोबाइल पर दिखाता है। यह पूरी प्रणाली बैटरी से संचालित है जो सौर ऊर्जा का उपयोग करके चार्ज होती है।

विभाग के मुखी डॉ. हरजीत पाल सिंह ने कहा कि यह प्रोजैक्ट स्वास्थ्य विभाग, खेती बाड़ी विभाग और आपदा वाले क्षेत्रों में राहत पहुंचाने का काम करेगा।

सीटी ग्रुुप के मैनेजिंग डायरैक्टर मनबीर सिंह ने प्रोजैक्ट की सफलता के लिए अध्यापकों एवं विद्यार्थियों को बधाई दी। इसके साथ ही उन्हें भविष्य में इस तरह के अविष्कार करने के लिए प्रेरित किया।

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