लुधियाना: लोगों की तरफ करोड़ों रुपए का बकाया टैक्स होने का पता चलते ही हरकत में आए विभाग ने टैक्स वसूलने की तैयारी कर ली है। अब टैक्स चोरी करने वाले लोगों पर जी.एस.टी. विभाग का नया सॉफ्टवेयर नजर रखेगा और बताएगा कि किस व्यापारी ने कितना टैक्स चोरी किया है। जिसके बाद विभाग के अधिकारी उसके खिलाफ कार्रवाई कर टैक्स वसूली करेंगे। विभाग की तरफ से टैक्स चोरों पर सख्ती करने के लिए ही अहम कदम उठाया जा रहा है। इसमें इंस्पैक्टर रैंक व एस.टी.ओ. की जिम्मेदारी रहेगी जो टैक्स चोरी करने वालों को नोटिस भेज कर कार्रवाई करेंगे। सरकार की तरफ से इस साफ्टवेयर को तैयार करवा कर विभाग के अधिकारियों को कार्रवाई करने के लिए कहा है।जानकारी के अनुसार टैक्स चोरी को रोकने के लिए ही हैदराबाद के आई.आई.टी. से विशेष सॉफ्टवेयर तैयार करवाया गया है, जिसमें पहले टैक्स पेयर्स का डॉटा फीड किया जाएगा। उसके बाद पता चल पाएगा कि किसने समय पर टैक्स अदा किया है और किसकी तरफ कितना टैक्स बकाया है। बकाया टैक्स वसूलने के लिए पहले नोटिस जारी किया जाएगा और फिर टैक्स वसूल किया जाएगा।
जिन लोगों पर डेढ़ लाख रुपए तक टैक्स बकाया है या इतनी ही चोरी की है, उससे टैक्स वसूलने की जिम्मेदारी इंस्पैक्टर रैंक पर होगी, जोकि उन्हें नोटिस जारी कर अगली कार्रवाई करेंगे। इससे ऊपर डेढ़ करोड़ रुपए तक का टैक्स वसूलने की जिम्मेदारी एस.टी.ओ. पर होगी। नोटिस जारी करने के बाद ही अगली कानूनी कार्रवाई की जाएगी। लुधियाना, जालंधर, बठिंडा, अमृतसर व पटियाला गोबिंदगढ़ शहरों में अधिक इंडस्ट्री होने के कारण इन शहरों में सर्वे शुरू कर टैक्स चोरी करने वालों का पता लगाया जाएगा ताकि पहले इन शहरों से टैक्स वसूल कर अन्य शहरों में प्रक्रिया लागू की जाए। विभागीय जानकारी के अनुसार जांच के दौरान सरकार को पता चला था कि लोगों को विभाग को बनता हुआ टैक्स भी जमा नहीं करवाया। अगर विभाग इस टैक्स को वसूल करता है तो विभाग को कई करोड़ रुपए टैक्स आ सकता है जिसकी जानकारी इकट्ठी करने के लिए ही सॉफ्टवेयर तैयार करवाया गया है।