जयपुर: अगर आज शाम आपके इलाके में अचानक सायरन गूंजे और रात को लाइटें बंद हो जाएं, तो घबराएं नहीं – यह जंग नहीं, बल्कि राष्ट्रीय नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल का हिस्सा है। 7 मई को देशभर के 244 जिलों में एक साथ की जा रही इस अभूतपूर्व मॉक ड्रिल का उद्देश्य है – जनता, सुरक्षा एजेंसियों और प्रशासन की आपातकालीन हालात में प्रतिक्रिया क्षमता को परखना। राजस्थान की राजधानी जयपुर में इस अभ्यास को लेकर प्रशासन ने कमर कस ली है। यह ड्रिल दो हिस्सों में होगी – पहला चरण शाम 4 बजे होगा, जब शहर के प्रमुख स्थानों पर एक साथ सायरन बजेंगे। दूसरा चरण रात को ब्लैकआउट के रूप में आयोजित किया जाएगा, जिसमें शहर की लाइटें बंद कर सुरक्षा प्रोटोकॉल का अभ्यास किया जाएगा। जयपुर के जिला कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी ने जानकारी दी कि शहर के 22 प्रमुख स्थानों पर हूटर सिस्टम लगाया गया है। शाम 4 बजे इन सभी जगहों पर एक साथ सायरन बजेगा। इसका उद्देश्य लोगों को यह सिखाना है कि हवाई हमले या किसी अन्य आपात स्थिति में किस तरह की प्रतिक्रिया अपेक्षित है। ड्रिल के दूसरे चरण में रात के समय ब्लैकआउट अभ्यास किया जाएगा। इस दौरान लाइटें बंद कर यह अभ्यास कराया जाएगा कि बिना बिजली के हालात में लोग किस तरह संवाद बनाए रखें और सुरक्षित रहें। इससे यह भी परखा जाएगा कि संकट के समय प्रशासन और आम नागरिकों में कितना समन्वय है। बता दें कि यह ड्रिल ऐसे समय में हो रही है जब हाल ही में 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने देश के विभिन्न जिलों में सुरक्षा और आपदा प्रतिक्रिया तंत्र को परखने के लिए यह मॉक ड्रिल अनिवार्य की है।

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