बठिंडा: बठिंडा शहर में चिकनगुनिया वायरस कहर बरपा रहा है, जिससे हर दूसरा घर इससे प्रभावित दिख रहा है, जबकि सेहत विभाग आंकड़ों पर पर्दा डाल रहा है और सही आंकड़े पेश नहीं किए जा रहे हैं। शहर में चिकनगुनिया के मामले तेजी से बढ़ने से हालात ये हैं कि कई वार्डों और कॉलोनियों में हर दूसरा घर इस बीमारी की चपेट में आ चुका है। तेज बुखार, जोड़ दर्द और शरीर टूटने की शिकायतें इतनी बढ़ गई हैं कि लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इसके बावजूद जिला स्वास्थ्य विभाग वास्तविक स्थिति को उजागर करने की बजाय आंकड़े कम दिखाने की कोशिश में जुटा है।शहर के मोहल्लों का हाल यह है कि एक ही गली में 5 से 10 लोग चिकनगुनिया से पीड़ित मिल रहे हैं। तेज बुखार उतरने के बाद भी मरीज महीनों तक जोड़ दर्द से परेशान हैं। कई लोग बिस्तर से उठ नहीं पा रहे, जिससे उनका कामकाज और जीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है। स्थानीय डॉ. सौरभ का कहना है कि चिकनगुनिया विशेष मच्छर से होने वाला वायरस जनित रोग है, जो बहुत तेजी से फैलता है। उन्होंने कहा कि इसका कोई विशेष इलाज नहीं है, लेकिन लोग एंटीबायोटिक खाकर घर पर ही इसका इलाज करने की कोशिश करते हैं, जो गलत और खतरनाक है। इसके चलते मामलों की असली संख्या पता लगाना भी मुश्किल हो जाता है। उन्होंने बताया कि बीमारी इस समय मनसा और सुनाम क्षेत्र में अधिक फैल रही है। पहले यह बीमारी दक्षिण भारत में ज्यादा होती थी, लेकिन अब उत्तर भारत में भी इसका वायरस तेजी से फैल चुका है।