दिल्ली: हादसों और बीमारियों के बाद अक्सर मरीजों की जिंदगी थम सी जाती है खासकर जब बात हड्डियों से जुड़े गंभीर रोगों की हो। ऐसे में कोटा मेडिकल कॉलेज में स्थापित राज्य का पहला ‘बोन बैंक’ एक नई उम्मीद बनकर उभरा है। यह न केवल कोटा बल्कि अन्य जिलों और यहां तक कि बाहर से आने वाले मरीजों के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं साबित हो रहा है। वर्ष 2021 में स्थापित इस बोन बैंक से अब तक 61 मरीजों को जीवनदायी मदद मिल चुकी है जिनमें उदयपुर, जोधपुर व अन्य जिलों के 19 मरीज भी शामिल हैं। यह प्रदेश का पहला और देश का दूसरा बोन बैंक है जो फिलहाल सिर्फ सूरत में ही मौजूद था।बोन बैंक की कार्यप्रणाली बेहद आधुनिक और वैज्ञानिक है। इसमें ऑपरेशन के दौरान जीवित मरीजों से ऐसी हड्डियां ली जाती हैं जो उनके लिए अब उपयोगी नहीं होतीं जैसे कूल्हे, घुटने या अन्य हिस्से से खराब हो चुकी हड्डियां। इन हड्डियों को सीधे उपयोग में नहीं लाया जाता बल्कि उनका पहले विशेष ट्रीटमेंट किया जाता है।

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