वेटिकन: पोप फ्रांसिस, जो दुनिया भर के 1.3 अरब कैथोलिक ईसाइयों के सर्वोच्च धर्मगुरु थे, उनका 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। वेटिकन ने इस दुखद खबर की पुष्टि की। बताया जा रहा है कि वे काफी समय से बीमार चल रहे थे और उनके दोनों फेफड़ों में निमोनिया था। चौंकाने वाली बात ये रही कि ईस्टर संडे के मौके पर उन्होंने आखिरी बार पब्लिक के सामने सरप्राइज अपीयरेंस दी थी। लेकिन अगले ही दिन उनका निधन हो गया।पोप के निधन के बाद अब दुनिया की नजरें इस पर टिकी हैं कि अगला पोप कौन होगा। वेटिकन में नए धर्मगुरु को लेकर चर्चाएं तेज हो चुकी हैं। कुछ नाम ऐसे हैं जो इस रेस में सबसे आगे माने जा रहे हैं।
67 वर्षीय कार्डिनल लुइस एंटोनियो को फिलहाल सबसे मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा है। वे पोप फ्रांसिस के करीबी और विश्वासपात्रों में गिने जाते हैं। उनके पास अनुभव भी है और एशियाई प्रतिनिधित्व से कैथोलिक चर्च को वैश्विक स्तर पर मजबूती मिल सकती है।
70 साल के पिएट्रो पारोलिन वेटिकन के सबसे वरिष्ठ अधिकारियों में गिने जाते हैं। 2013 से वे वेटिकन के विदेश मंत्री के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। चीन और मिडिल ईस्ट जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में उन्होंने चर्च की कूटनीति को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया है। वेटिकन की अंदरूनी राजनीति में भी उनकी पकड़ मज़बूत है।72 वर्षीय एर्डो यूरोप में कैथोलिक रूढ़िवाद का बड़ा चेहरा हैं। वे कैनन लॉ के विशेषज्ञ हैं और पारंपरिक धार्मिक मूल्यों के प्रबल समर्थक माने जाते हैं। अगर चर्च फ्रांसिस के उदारवादी रुख से हटकर रूढ़िवादी रास्ता अपनाना चाहता है तो एर्डो एक उपयुक्त विकल्प हो सकते हैं।

Disclaimer : यह खबर उदयदर्पण न्यूज़ को सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है। उदयदर्पण न्यूज़ इस खबर की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं करता है। यदि इस खबर से किसी व्यक्ति अथवा वर्ग को आपत्ति है, तो वह हमें संपर्क कर सकते हैं।