एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स, जालंधर के मल्टीमीडिया एवं साउंड टेक्नोलॉजी विभाग ने पीवीआर सिनेमाज, जालंधर का एक शैक्षणिक दौरा आयोजित किया, जहाँ 47 छात्रों को एनिमेटेड फिल्म नरसिम्हा देखने का सुअवसर मिला। डॉ ढींगरा ने कहा कि हम प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों में केवल कक्षाओं में किताबी ज्ञान तक ही सीमित नहीं रहते बल्कि विद्यार्थियों को उसे क्षेत्र विशेष में व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करने का भी प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि
इस फिल्म को दिखाने का उद्देश्य छात्रों को फिल्म निर्माण की कला और तकनीक का व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना था। केवल मनोरंजन के अलावा, छात्रों को कहानी कहने, ध्वनि डिजाइन, चरित्र विकास, एनीमेशन, संपादन और दृश्य प्रभावों जैसे विभिन्न सिनेमाई तत्वों का विश्लेषण और सीखने में मदद करना था – जो मल्टीमीडिया और साउंड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण हैं।
इस अवसर पर बोलते हुए, डॉ. नीरजा ढींगरा ने अनुभवात्मक शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “सिनेमा केवल फिल्म देखने के बारे में नहीं है; यह इसके पीछे की कला को समझने के बारे में है। इस तरह के आयोजन हमारे विद्यार्थियों को कक्षा में सीखने और उद्योग के तौर-तरीकों के बीच की खाई को पाटने में सक्षम बनाते हैं।”
छात्रों ने बहुत उत्साह व्यक्त किया और बताया कि कैसे इस फिल्म ने उन्हें कथात्मक तकनीकों और दृश्य-श्रव्य समन्वय के बारे में नई अंतर्दृष्टि प्रदान की। इस यात्रा ने उन्हें इस बात का आलोचनात्मक मूल्यांकन करने के लिए भी प्रोत्साहित किया कि सांस्कृतिक कहानियों और पौराणिक विषयों को समकालीन फिल्म निर्माण में लाकर युवा पीढ़ी को पौराणिक साहित्य से जोड़ा जा सकता है। डॉ ढींगरा ने मल्टीमीडिया विभाग के प्राध्यापक श्री अंकित गोयल एवं मैडम अंजलि तथा साउंड टेक्नोलॉजी के प्राध्यापक श्री संजीव को
ऐसी पहल को जारी रखने के लिए प्रेरित किया यह सुनिश्चित किया कि छात्रों को रचनात्मक और मीडिया उद्योगों में नवीनतम विकास से निरंतर अवगत कराया जाए।

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