पंजाब में BSF का अधिकार क्षेत्र 15 से 50 किमी करने को लेकर केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन को पंजाब विधानसभा में रद्द कर दिया गया है। गुरुवार को डिप्टी CM सुखजिंदर रंधावा ने यह प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि BSF का अधिकार क्षेत्र बढ़ाना पंजाब और पुलिस का अपमान है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार इसके खिलाफ हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी जाएगी।
इस मुद्दे पर पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिद्धू ने अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल को घेरा है। सिद्धू ने कहा कि पंजाब के हित की बात कहने वाले सुखबीर तब कहां थे, जब इस मुद्दे पर ऑल पार्टी मीटिंग हुई थी। वहीं, CM चरणजीत चन्नी ने भी अकाली दल को घेरा। उन्होंने कहा कि पंजाब में आतंकवाद, नशा और RSS को लाने वाला अकाली दल है। इस दौरान अकालियों ने भी खूब शोरशराबा किया।
डिप्टी CM ने पेश किया प्रस्ताव
डिप्टी CM ने विधानसभा में प्रस्ताव पेश करते हुए कहा, ‘देश की आजादी और 1962, 1965, 1971 और 1999 की जंग में पंजाब ने कुर्बानियां दी हैं। देश में सबसे ज्यादा गैलेंट्री अवॉर्ड पंजाबियों को मिले हैं। पंजाबी दुनिया में ऐसी बेमिसाल देशभक्त कौम है, जिन्होंने साहस और हौसले से देश की एकता के लिए अपना योगदान दिया। संविधान के मुताबिक राज्य की कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। इसमें पंजाब सरकार पूरी तरह से सक्षम है। इसलिए BSF का दायरा 15 से 50 KM बढ़ाने का फैसला पुलिस और सरकार पर अविश्वास जताने और अपमान भरा फैसला है।’डिप्टी CM ने कहा, ‘केंद्र को इस बारे में पहले पंजाब सरकार से चर्चा करनी चाहिए थी। पंजाब की कानून व्यवस्था की स्थिति मजबूत है। इसके लिए BSF का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है। यह भारतीय संविधान के संघीय ढांचे की भावना के खिलाफ है। पंजाब के सभी राजनीतिक दल इसकी निंदा करते हैं।’