भारत की विरासत एवं ऑटोनॉमस संस्था, कन्या महा विद्यालय,जालंधर ने अंडर ग्रैजुएट स्तर पर पांचवें सेमेस्टर में अपनी छात्राओं के लिए निःशुल्क वैल्यू एडेड प्रोग्राम के रूप में जॉब रेडीनेस प्रोग्राम शुरू कर शिक्षा में एक बड़ी मिसाल कायम की है। वर्कफोर्स की उभरती मांगों को पहचानते हुए, भारत की नई शिक्षा नीति के अनुरूप के.एम.वी. का लक्ष्य अपने ग्रैजुएटस को पेशेवर परिदृश्य में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए ज़रूरी कौशल और ज्ञान से लैस करना है। उल्लेखनीय है कि के.एम.वी. में अंडरग्रैजुएट स्तर पर पांचवें सेमेस्टर में छात्राओं को इनोवेशन, एंटरप्रेन्योरशिप एंड क्रिएटिव थिंकिंग और जॉब रेडीनेस प्रोग्राम के बीच चयन करने का विशेषाधिकार प्राप्त है, जो वैल्यू एडेड प्रोग्रामों में से एक होने के साथ-साथ छात्राओं में अभिनव और उद्यमशीलता संस्कृति को बढ़ावा देते हुए उन्हें इस प्रतिस्पर्धी दुनिया में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए तैयार भी करता है। के.एम.वी. में नया लागू 15-दिवसीय जॉब रेडीनेस प्रोग्राम शैक्षणिक शिक्षा और व्यावहारिक स्थान की ज़रूरतों के बीच अंतर को खत्म करने पर केंद्रित है। यह पहल के.एम.वी. की सर्वांगीण और उद्योग के लिए तैयार ग्रैजुएट्स को तैयार करने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। के.एम.वी. हर साल मल्टी-नेशनल कंपनियों के कॉरपोरेट ट्रेनर्स के साथ मिलकर जॉब रेडीनेस प्रोग्राम चलाता है। इस वर्ष, रुबिकॉन के दो ट्रेनर्स कॉलेज कैंपस में है एवं वह 200 छात्राओं को निःशुल्क रोज़गार कौशल ट्रेनिंग प्रदान कर रहे हैं, जिससे वे आगामी प्लेसमेंट ड्राइव के लिए तैयार हो सकें। यह विशेष कार्यक्रम प्रतिदिन दो बैचों में दो इंडस्ट्री ट्रेनर्स के साथ आयोजित किया जा रहा है और छात्राओं को लर्निंग बाय डूइंग मोड, सकारात्मक पुष्टि, आत्म-परिचय, बायोडाटा, ग्रुप डिस्कशन, गोल सेटिंग, प्रेजेंटेशन स्किल्स, पर्सनल इंटरव्यू और ई-मेल एटिकेट्स के माध्यम से लाभ मिल रहा है।इसके अलावा, सत्र को अधिक इंटरैक्टिव और दिलचस्प बनाने के लिए ट्रेनर्स द्वारा विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं। छात्राएँ विभिन्न मापदंडों के आधार पर एस.डब्ल्यू.ओ.टी. विश्लेषण के कार्यान्वयन के बारे में सीख रहे हैं जिसमें आत्मविश्वास, करियर विकास और कार्य क्षेत्र में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का रखरखाव आदि शामिल हैं। ट्रेनर्स न केवल छात्राओं को यथार्थवादी लक्ष्य निर्धारित करने एवं उन्हें हासिल करने के बारे में ट्रेनिंग दे रहे हैं बल्कि चित्र, चार्ट,डायग्राम हेडिंग आदि जोड़कर प्रेजेंटेशन को प्रभावशाली बनाने के लिए प्रस्तुति कौशल के लिए मूल्यवान इनपुट का भी प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्राएँ इंटरव्यू के ए.बी.सी.डी. फॉर्मूला – उपस्थिति, शारीरिक भाषा, संचार और वितरण, साक्षात्कार के लिए उपस्थित होते समय क्या करें और क्या न करें के बारे में सीख रही हैं। ट्रेनर्स छात्राओं को अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों में मदद करने के साथ वे छात्राएँ को ग्रुप डिस्कशन की बुनियादी ज़रूरतों से भी परिचित करा रहे हैं। छात्राओं का आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए पैनल द्वारा मॉक इंटरव्यू भी लिए जा रहे हैं, जिससे कुल मिलाकर छात्राएँ कई टिप्स और तकनीक सीख रही हैं जो उनके भविष्य के प्रयासों में उनके लिए फायदेमंद साबित होंगे। प्रिंसिपल प्रो. डॉ. अतिमा शर्मा द्विवेदी ने कहा कि के.एम.वी. का ध्यान हमेशा ऐसे ग्रैजुएट्स तैयार करने पर रहा है जो न केवल अकादमिक रूप से उत्कृष्ट हों बल्कि अपनी व्यावसायिक यात्राओं में भी सफल हों। जॉब रेडीनेस कार्यक्रम की शुरूआत गतिशील वैश्विक वर्कप्लेस में सफल होने के लिए आवश्यक कौशल के साथ छात्राआों को सशक्त बनाने की हमारी दृष्टि के अनुरूप है। उन्होंने आगे कहा कि समग्र शिक्षा और नौकरी की तैयारी के लिए के.एम.वी. की प्रतिबद्धता अपनी छात्राओं के भविष्य के करियर पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने और उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए एक नया मानक स्थापित करने के लिए तैयार है। मैडम प्रिंसिपल ने छात्रों को दिए गए इस अद्भुत अवसर के लिए कंप्यूटर साइंस एंड एप्लीकेशन विभाग की अध्यक्षा एवं डीन, प्लेसमेंट डॉ. सुमन खुराना और उनकी टीम के प्रयासों की सराहना की।
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