21 मई () पुराने समय में शायद ही हमारे पापा, दादा ने कभी कैलकुलेटर का इस्तेमाल किया होगा वह तो सारा गणित जमा घटाव अपनी ऊंगलियों पर ही करते था लेकिन आजकल तो बच्चे हर छोटी से छोटी कैलकुलेशन कैलुकेलटर या मोबाइल पर ही करते है। मोबाइल गेम्स, कैलकुलेटर आदि के कारण बच्चों की सीखने की लालसा कम होती है। बच्चों को दिमागी तौर पर आत्मनिर्भर बनाने के लिए डिप्स स्कूल लक्खन के पड्डे में अबेकस क्लास की शुरूआत की गई। क्लास के दौरान बच्चों को अबेकस के बारे में जानकारी दी गई और उन्हें बताया गया कि वह किस तरह से इसका इस्तेमाल कर सकते है। शुरूआत में बच्चों को गिनती, घटाव और जोड़, दस, सैंकड़े, हजार के बारे में जानकारी दी गई जिससे उन्हें आसानी से नबंरो की पहचान हो सके। टीचर्स ने बच्चों को बताया कि अबेकस गणित क्षेत्र में भारत का बहुत ही पुराना हिस्सा है। प्रिंसिपल सुषमा ने कहा कि अबेकस की मदद से बच्चों में एकग्रता, चीजों को देखने समझने और सुनने की क्षमता, कम समय में काम को पूरी करने की ताकत बढ़ती है। अबेकस में परिक्कता हासिल करने के बाद विद्यार्थी बिना किसी मदद के अपने दिमाग में बढ़ी से बढ़ी केलकुलेशन आसानी से कर सकते है इससे बच्चों की इमेजिनेशन बढ़ती है।

 

 

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