
दिल्ली: गाजा पट्टी में भुखमरी ने अब विकराल रूप धारण कर लिया है। इजरायल की नाकेबंदी के चलते खाने-पीने की चीज़ों और ज़रूरी दवाइयों की भीषण कमी हो गई है, जिसके कारण पिछले 3 हफ़्तों में कई बच्चों सहित दर्जनों लोगों की जान चली गई है। गाजा सिटी के पेशेंट्स फ्रेंड्स हॉस्पिटल में हालात इतने बदतर हैं कि डॉक्टर बच्चों को बचाने के लिए ज़रूरी दवाइयाँ और पौष्टिक भोजन भी नहीं दे पा रहे हैं। पिछले हफ़्ते तो स्थिति और भी चिंताजनक हो गई, जब सिर्फ़ 4 दिनों में 5 छोटे बच्चे भुखमरी की वज़ह से दम तोड़ गए। इनमें से कोई भी बच्चा पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित नहीं था, फिर भी पोषण की कमी के कारण उनकी हालत इतनी बिगड़ गई कि उन्हें बचाया नहीं जा सका।हॉस्पिटल की न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. राना सोबोह ने गाजा के भयानक हालातों को बयां करते हुए कहा, “बच्चे इतने कमज़ोर हो गए हैं कि न रो पाते हैं, न हिल पाते हैं। पहले कुछ बच्चे इलाज से ठीक हो जाते थे, लेकिन अब हालात बदतर हैं। यह एक आपदा है। बच्चे दुनिया के सामने भूख से मर रहे हैं। इससे बुरा कुछ नहीं हो सकता।”गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, पिछले तीन हफ़्तों में भुखमरी से कुल 48 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 20 बच्चे और 28 वयस्क शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र ने भी बताया है कि इस साल अब तक 21 बच्चों की भुखमरी से मौत हो चुकी है।