जालंधर, 5 मई

                महांमारी के कारण अस्पतालों में ख़ून की उपलब्धता को  सुनिश्चित करने के लिए डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने बुद्धवार को रैड्ड क्रास सोसायटी को गंभीर रोगों से पीडित मरीज़ों की ज़रूरतों की पूर्ति के लिए छोटे खूनदान कैंप लगाने के निर्देश दिए।

इस बारे में और ज्यादा जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि उनके ध्यान में आया है कि जबसे यह महामारी शुरू हुई है, खूनदान कैंप रूकने के कारण ब्लड बैंकों में ख़ून की कमी हो गई है। उन्होनें कहा कि कैंसर, थैलेसीमिया से पीडित मरीज़ों और प्रसूती के कुछ मामलों में इलाज दौरान ख़ून की ज़रूरत पड़ती है, इस लिए छोटे खूनदान कैंपों का आयोजन करना रोगी के लिए मददगार होगा।

                उन्होनें रैड्ड क्रास सोसायटी को इस दिशा में काम कर रही अलग -अलग एन.जी.ओज़ को इस कार्य में शामिल करने और अस्पतालों में ख़ून की कमी को पूरा करने के लिए कैंप लगाने के लिए कहा,ताकि इससे बहुत सी कीमती जानें बचाई जा सके ।

                ज़िला टीकाकरण अधिकारी डा. राकेश चोपड़ा ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी ताज़ा आदेशों अनुसार कोविड -19 सम्बन्धित वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को हर ख़ुराक के 14 दिनों के पूरा होने के बाद खूनदान करने की सलाह दी गई है। जबकि वह लोग, जिनका टीकाकरण नहीं हुआ, वह नियमित रूप से ख़ून दान करना जारी रख सकते हैं। उन्होनें लोगों को जरूरतमंद मरीज़ों की सहायता के लिए ख़ून दान करने के लिए आगे आने का न्योता दिया।

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