नई दिल्ली :पंजाब कांग्रेस में अगले साल होने वाले चुनावों से पहले कलह थामने की हाईकमान की तमाम कोशिशों पर अब तक कोई नतीजा नहीं निकल सका। इसकी बड़ी वजह नवजोत सिंह सिद्धू का डिप्टी सीएम पद का ऑफर ठुकरा देना और प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए अड़ना बताया जा रहा है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि नवजोत सिद्धू ने कैप्टन की लीडरशिप में डिप्टी सीएम बनने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि यदि वह इस पद को स्वीकार भी कर लेते हैं तो सहज नहीं रह पाएंगे। इसकी बजाय वह प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी चाहते हैं। वहीं कैप्टन अमरिंदर इसके खिलाफ बताए जा रहे हैं।
सीएम की राय है कि प्रदेश अध्यक्ष का पद किसी हिंदू नेता को मिलना चाहिए ताकि अगले साल होने वाले चुनावों में संतुलन साधा जा सके। इससे वोटरों पर भी असर होगा। उन्होंने कहा कि हमें संतुलन साधने की जरूरत है और अगले साल होने वाले चुनावों से पहले सभी को साथ लेकर चलना चाहिए। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि सिद्धू ने पैनल से साफ तौर पर कह दिया है कि वह डिप्टी सीएम के पद के लिए तैयार नहीं हैं और प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहते हैं।