
पंजाब चंडीगढ़ कॉलेज टीचर्स यूनियन (पीसीसीटीयू) की डीएवी कोऑर्डिनेशन कमेटी के भरपूर समर्थन के तहत, एचएमवी यूनिट द्वारा एचएमवी कॉलेज को ऑटोनोमस (स्वायत्त संस्था) बनाए जाने की प्रिंसिपल और डीएवी मैनेजिंग कमेटी की कोशिशों के विरोध में आज पांच सदस्यीय क्रमिक भूख हड़ताल की शुरुआत की गई। इसमें प्रतिदिन पांच सदस्य बारी-बारी से भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
आज की भूख हड़ताल में यूनिट की अध्यक्ष डॉ. आशमीन कौर, सचिव डॉ. शालू बत्रा, उपाध्यक्ष डॉ. हरप्रीत सिंह, स्टाफ सेक्रेटरी डॉ. वीना अरोड़ा और डॉ. रमा शर्मा शामिल थीं। उल्लेखनीय है कि यह विरोध धरना आज अपने पांचवें दिन में प्रवेश कर गया है।
इसी संबंध में पीसीसीटीयू के लीडरशिप सचिव प्रो. गुरदास सिंह सेखों, डीएवी कोऑर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष डॉ. बी.बी. यादव, गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के एरिया सेक्रेटरी प्रो. सुखदेव सिंह रंधावा, पीसीसीटीयू महिला विंग की संयोजक डॉ. आशमीन कौर और ज़िला इकाई के अध्यक्ष डॉ. तेजिंदर विरली के नेतृत्व में एक दिन पहले एक विशाल कैंडल मार्च निकाला गया। इस मार्च में डीएवी कॉलेजों की मैनेजिंग कमेटी और प्रिंसिपल द्वारा एचएमवी कॉलेज, जालंधर को ऑटोनोमस बनाए जाने की कोशिशों का डटकर विरोध किया गया।
उन्होंने बताया कि ऑटोनोमस की नीतियाँ विद्यार्थियों के लिए भी घातक हैं, जिनमें शिक्षा के निजीकरण से होने वाले नुकसान और फीसों में भारी बढ़ोतरी शामिल है।
अध्यापक यूनियन के सदस्यों ने रोष व्यक्त करते हुए बताया कि डीएवी कॉलेज मैनेजमेंट कमेटी द्वारा लंबे समय से अध्यापकों की वाजिब और अधिकारपूर्ण माँगों को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। इन माँगों में सीएएस प्रमोशन का मामला, 1925 पोस्टों के अंतर्गत कार्यरत अध्यापकों की कुल तनख़्वाह पर सीपीएफ की कटौती, सातवाँ वेतन आयोग लागू करना, बकाया एरियर जारी करना और कुछ कॉलेजों में वेतन में हो रही देरी आदि शामिल हैं।
एचएमवी कॉलेज को ऑटोनोमस (स्वायत्त संस्था) बनाए जाने की कोशिशों के विरोध में यह भूख हड़ताल 28 अप्रैल को भी जारी रहेगी और 29 अप्रैल को डीएवी मैनेजमेंट कमेटी, नई दिल्ली के कार्यालय के बाहर रोष प्रदर्शन किया जाएगा।