
जालंधर:- मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नज़दीक लमांपिंड चौंक जालंधर में सामुहिक निशुल्क दिव्य हवन यज्ञ का आयोजन मदिंर परिसर में किया गया।
सर्व प्रथम ब्राह्मणो द्वारा मुख्य यजमान नवीन कुमार से विधिवत वैदिक रिती अनुसार पंचोपचार पूजन, षोडशोपचार पूजन ,नवग्रह पूजन उपरांत सपरिवार हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई गई।
सिद्ध मां बगलामुखी धाम के संस्थापक नवजीत भारद्वाज जी ने दिव्य हवन यज्ञ में उपस्थित प्रभु भक्तों को प्रवचनों से निहाल करते हुए कहते है कि इंसान ईश्वर को केवल अपने दुखों के समय ही याद करता है। जब इंसान पर किसी तरह का कोई दुख आ जाता है। वह तभी ईश्वर को दिल से याद करता है, लेकिन जब उसका दुख दूर हो जाता है। उसके बाद फिर इंसान अपने संसार के भोग विलास में डूब जाता है और ईश्वर को भूल जाता है। इंसान के भीतर ईश्वर के लिए बिरहा केवल उसके सांसारिक दुखों के कारण ही आता है। उसकी यह बिरहा निरंतर नहीं रहती है। दुख के जाते ही इंसान की ईश्वर के लिए बिरहा भी खत्म हो जाती है। इसलिए आज हम ईश्वर से दूर होते जा रहे हैं।
नवजीत भारद्वाज जी ने कहा कि दुख तो हमारे किए हुए कर्मो के आधार पर आते जाते रहते हैं, लेकिन अगर ईश्वर को पाने के लिए हमारे अंदर ऐसी बिरहा जाग जाए जैसे बिरहा ईश्वर के दर्शन के लिए बाबा फरीद के अंदर थी। जैसी बिरहा श्री गुरु अर्जुन देव के अंदर अपने गुरु के दर्शन के लिए थी तो हमें कभी दुखों का पता तक नहीं चलेगा। जब तक हमारे जीवन में बिरहा नहीं है तब तक हम प्रभु के समीप भी नहीं जा सकते।
नवजीत भारद्वाज जी ने कहा कि आज संसार में प्रत्येक मानव संसार के भोग विलास में लिप्त है। उसके भीतर अगर कोई बिरहा है तो वह संसार का। उस ईश्वर की भक्ति, प्रेम उसके भीतर से समाप्त होता जा रहा है। यही कारण है कि आज इंसान सब बाहरी सुखों को प्राप्त करने के बाद भी भीतर से अशांत है और फिर वह शांति की खोज बाहरी जगत में करता है। लेकिन फिर भी उसके हाथ शांति तो नहीं आती। यही कारण है कि आज इंसान अपने मूल से दूर होता जा रहा है और जब तक वह अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं करता, भाव कि उस ईश्वर से मिलाप नहीं कर लेता तब तक वह अशांत ही रहेगा। ईश्वर रूपी धन को एकत्र करने वाला इंसान जीवन की बाजी को जीत जाता है। उसे भव सागर के बीच नहीं डूबना पड़ता। अंत में नवजीत भारद्वाज जी ने मधुर भजनों का प्रभु भक्तों को रसपान करवाया।
इस अवसर पर अनु अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल, समीर कपूर, विक्की अग्रवाल, अमरेंद्र कुमार शर्मा,सौरभ भाटिया,विवेक अग्रवाल,नरेश,कोमल,वेद प्रकाश, मुनीष मैहरा, जगदीश डोगरा, ऋषभ कालिया,नरेंद्र ,रोहित भाटिया,बावा जोशी,राकेश शर्मा,प्रदीप, सुधीर, सुमीत,दानिश, रितु, कुमार,गौरी केतन शर्मा,सौरभ ,शंकर, संदीप,रिंकू,प्रदीप वर्मा, गोरव गोयल, मनी ,नरेश,अजय शर्मा,दीपक , किशोर,प्रदीप , प्रवीण,राजू, गुलशन शर्मा,संजीव शर्मा, रोहित भाटिया,गुरप्रीत सिंह,लवली, लक्की, मोहित , विशाल, दीपक कुमार, नरेंद्र, अनिल, कमल नैयर भारी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।
हवन-यज्ञ उपरांत लंगर भंडारे का आयोजन किया गया।