पटना:  बिहार में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम और जापानी इंसेफलाइटिस या चमकी बुखार से अब तक 100 बच्चों की मौत हो चुकी है. अकेले मुज़फरपुर में अबतक 84 बच्चों की मौत की पुष्टि हुई है। इसी बीच बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन स्थिति का जायजा लेने एवं समीक्षा करने के लिए रविवार को मुजफ्फरपुर  पहुंचे हैं. यहां उन्होंने कृष्णा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एसकेएमसीएच) का दौरा किया.इससे एक दिन पहले हर्षवर्धन ने अपने मुजफ्फरपुर दौरे की जानकारी देते हुए कहा था कि केंद्र बिहार को एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम और जापानी इंसेफलाइटिस के मामलों को रोकने एवं उसके प्रबंधन के लिए हर तरह की मदद मुहैया करा रहा है .

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री यहां मौजूद विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखने वाले दलों से बातचीत करेंगे और राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक को संबोधित करेंगे.  उन्होंने कहा था, “मैं केंद्र की उच्चस्तरीय विशेषज्ञों की टीम द्वारा सुझाए गए प्रबंधन के उपायों और तत्काल एवं चिरकालिक उपायों के तहत स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय समेत केंद्र सरकार के अन्य मंत्रालयों के जरिए जो कुछ मदद की जा सकती है उस पर चर्चा करुंगा.”

वर्धन के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार स्थिति की निगरानी कर रहा है और एईएस/जेई के मामलों के प्रबंधन में राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों की सहायता कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘प्रभावित इलाकों में केंद्रीय एवं राज्य के दलों की हर वक्त की मौजूदगी और उनके द्वारा उठाए गए बचाव कार्यों ने लोगों के बीच भरोसा जगाया है. हम जल्द ही एएसई/जेई मामलों को बढ़ने से रोकने में सक्षम होंगे.’

केंद्रीय मंत्री ने हाल में बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे से दो बार मुलाकात की और इस दौरान मुजफ्फरपुर में एईएस के और बिहार के ही गया में जेई के बढ़ते मामलों की खबरों और इन्हें रोकने के लिए जन स्वास्थ्य उपायों पर चर्चा की.

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