दिल्ली: संगम नगरी प्रयागराज को अब केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि एक ग्लोबल टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की दिशा में तेजी से काम चल रहा है। इसी क्रम में आगामी माघ मेला 2026 की तैयारियां भी अभूतपूर्व स्तर पर की जा रही हैं, क्योंकि प्रशासन को इस बार 12 से 15 करोड़ तक श्रद्धालुओं और पर्यटकों के आने का एक बड़ा रिकॉर्ड अनुमान है।महाकुंभ 2025 की ऐतिहासिक सफलता और इसे यूनेस्को द्वारा मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत का दर्जा मिलने के बाद, उत्तर प्रदेश सरकार अब माघ मेला 2026 को भी अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने की तैयारी में है। माघ मेले की व्यवस्थाएं पूरी तरह से महाकुंभ मॉडल पर आधारित होंगी। सड़कों, घाटों, बिजली-पानी की सप्लाई, स्वच्छता और सुरक्षा हर पहलू को पहले से कहीं अधिक मजबूत और सुव्यवस्थित बनाया जा रहा है। इस विशाल अनुमानित भीड़ को संभालने के लिए, मेला क्षेत्र के विस्तार के साथ ही अतिरिक्त सेक्टर बनाए जा रहे हैं और घाटों पर श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए पॉन्टून पुलों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर भीड़ के प्रबंधन के लिए महाकुंभ की तरह ही एकल मार्ग प्रणाली लागू की जाएगी, ताकि यात्रियों को कम से कम असुविधा हो।