
चंडीगढ़, 10 जुलाई
मुख्य मंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब कैबिनेट ने देश की अपनी तरह की पहली योजना, मुख्य मंत्री सेहत योजना को आज मंजूरी दे दी। इसके तहत राज्य के निवासी 10 लाख रुपए तक का चिकित्सा उपचार नकद रहित करवा सकेंगे।
इस संबंध में निर्णय यहां मुख्य मंत्री के नेतृत्व में उनके आधिकारिक निवास पर हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान लिया गया।
इसका खुलासा करते हुए मुख्य मंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब के लोगों को मुफ्त इलाज प्रदान करने वाली यह योजना 2 अक्टूबर से शुरू होगी। मुख्य मंत्री स्वास्थ्य योजना के तहत राज्य का प्रत्येक परिवार 10 लाख रुपए तक का नकद रहित इलाज करवाने में सक्षम होगा। इसके साथ ही पंजाब देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां प्रत्येक परिवार को स्वास्थ्य देखभाल के लिए व्यापक योजना के तहत लाया गया है।
इस योजना का लाभ पंजाब की कुल तीन करोड़ आबादी को होगा और अब तक 550 से अधिक निजी अस्पतालों को इस योजना के लिए सूचीबद्ध किया गया है, जिसे आने वाले दिनों में एक हजार तक बढ़ाया जाएगा। पहले प्रत्येक परिवार केवल पांच लाख रुपए तक का इलाज करवा सकता था, इस सीमा को अब बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दिया गया है। इस पहल की शुरुआत के साथ पंजाब ने देश के लिए एक नई मिसाल कायम की है और पंजाब ऐसा पहला राज्य बन गया है जो अपने नागरिकों को स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, बिजली और बस यात्रा मुफ्त प्रदान कर रहा है।
गुरु साहिबान की ओर से दिखाए गए ‘सरबत के भले’ के सिद्धांत पर चलते हुए पंजाब सरकार समाज के प्रत्येक वर्ग की भलाई सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। इस योजना के तहत सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों सहित पंजाब का प्रत्येक नागरिक मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल सेवाएँ प्राप्त करने के लिए पात्र होगा, इसके लिए आय की कोई सीमा नहीं है। पहले आय सीमा के मापदंड के कारण केवल चयनित परिवारों को ही इस योजना के तहत लाभ मिलता था, लेकिन अब सभी पंजाब निवासियों को इसका लाभ मिलेगा।
इस योजना के तहत स्वास्थ्य कार्ड, सेवा केंद्र या कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से जारी किए जाएँगे। इसके अलावा, लोग अपने वोटर कार्ड या आधार कार्ड का उपयोग करके ऑनलाइन पंजीकरण के माध्यम से भी स्वास्थ्य कार्ड प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना के तहत इलाज सभी सरकारी अस्पतालों और सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में उपलब्ध होगा, और अब पंजाब के किसी भी निवासी को वित्तीय तंगी के कारण इलाज से वंचित नहीं रहना पड़ेगा।
*निवेशकों को बड़ी राहत*
निवेशकों को हो रही कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल ने 4 जून, 2025 से पॉपुलर एक्ट या मेगा प्रोजेक्ट नीति के तहत विकसित किए गए प्रोजेक्टों से सीएलयू, ईडीसी, एलएफ और अन्य शुल्क वसूलने के लिए अधिसूचना लागू करने का निर्णय लिया है। पंजाब में ये शुल्क 4 जून, 2025 की व्यापक अधिसूचना के माध्यम से राज्य में स्थापित किए जाने वाले सभी नए रियल एस्टेट प्रोजेक्टों और 1 अप्रैल, 2025 से चल रहे प्रोजेक्टों की नई विस्तार योजनाओं पर लागू किए गए थे। अब मंत्रिमंडल ने इस अधिसूचना को 4 जून, 2025 से लागू करने का निर्णय लिया है, जिसके तहत यह निर्धारित किया गया है कि 4 जून, 2025 तक जमा किए गए प्रोजेक्टों से पुरानी नीति के अनुसार शुल्क लिया जाएगा और 4 जून, 2025 के बाद जमा की गईं अर्जियों से नई दरें लागू होंगी, जो 4 जून, 2025 से प्रभावी होंगी।