8 सितंबर () विश्व साक्षरता दिवस पर डिप्स स्कूल टांडा में बच्चों को जीवन मे
शिक्षा के महत्व समझाने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के
दौरान विभिन्न क्लास के बच्चों ने मिलकर पोस्टर बनाए और उन के माध्यम से
अपने बाकी सहपाठियों को इस बारे में जानकारी दी। सीनियर वर्ग के बच्चों ने
बताया कि समाज में शिक्षा के प्रचार प्रसार के उद्देश्य से दुनिया भर यह दिन में
मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जिससे हम पूरी
दुनिया पर राज कर सकते है।
टीचर्स ने पीपीटी के माध्यम से जीवन में शिक्षा और भारत में साक्षरता दर के बारे
में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि साक्षरता शब्द साक्षर से बना है जिसका अर्थ
पढ़ने और लिखने में सक्षम है। इसकी पहली बार शुरूआत 1966 में कई गई थी।
हर साल इसके लिए एक नया थीम रखा जाता है इस बार का थीम ट्रांसफॉर्मिंग
लिटरेसी लर्निंग स्पेस है। इसके साथ ही बच्चों की शिक्षा से जुड़े विभिन्न नियम
और उनके अधिकारो के बारे में जानकारी दी गई।
प्रिंसिपल दिव्या चावला ने कहा कि किसी भी देश के विकास के लिए साक्षरता
बहुत जरूरी है। देश के जितने ज्यादा नागरिक साक्षर होंगे , वह देश उतना ही
तरक्की करेगा। विश्व साक्षरता दर 84 फीसदी कम है। साल 2011 में भारत की
कुल साक्षरता दर 74.4 प्रतिशत है जिसमें पुरूष की साक्षरता 82.37 और
महिलाओं का आंकड़ा 65.79 प्रतिशत है। देश में सबसे अधिक साक्षरता वाला
राज्य केरल है और सबसे कम बाहर राज्य। वहीं उत्तर प्रदेश सबसे कम साक्षरता
वाले राज्यों में शामिल है।

Disclaimer : यह खबर उदयदर्पण न्यूज़ को सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है। उदयदर्पण न्यूज़ इस खबर की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं करता है। यदि इस खबर से किसी व्यक्ति अथवा वर्ग को आपत्ति है, तो वह हमें संपर्क कर सकते हैं।