
श्री चैतन्य महाप्रभु राधा माधव मंदिर प्रताप बाग में श्री श्री गुरु गौरांग श्री श्री राधा माधव जी का प्रकट तिथि महोत्सव बहुत श्रद्धापूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ योगेश्वर दास ब्रह्मचारी, गौर हरी ब्रह्मचारी, केवल कृष्ण, अमित चड्ढा, राजेश शर्मा, गोवर्धन शर्मा, कृष्ण गोपाल और सुरेश ने गुरु वंदना और वैष्णव वन्दना से किया गया। हरे कृष्ण महामंत्र संकीर्तन द्वारा श्री चैतन्य गौडीय मठ चण्डीगढ़ से पधारे श्रील भक्ति विकास वामन महाराज जी ने श्री चैतन्य महाप्रभु श्री श्री राधा माधव जी का पंचगव्य से महाभिषेक किया गया।
श्रील भक्ति विकास वामन महाराज जी ने बताया कि श्री जयदेव गोस्वामी जी ने मूल में श्री राधा माधव जी की सेवा प्रकाशित की थी। जो मनुष्य भगवान के श्रीविग्रह को पत्थर की मूर्ति समझता है, गुरु जी को साधारण मनुष्य के समान समझता है, चरणामृत को साधारण जल के समान समझता है और हरे कृष्ण महामंत्र को साधारण शब्द के सामान समझता है, वह नरक में जाता है। हमारी ऐसी बुद्धि ना हो इसके लिए हमें भगवान के शुद्ध भक्तों का संग करना चाहिए, जिनके 24 घंटे भगवान की सेवा में व्यतीत होते हैं। शरणागत के हृदय में भगवान का आविर्भाव होता है ।
कपिल शर्मा जी ने कहा कि श्री चैतन्य महाप्रभु श्री राधा माधव मंदिर की स्थापना सन 1987 में हुई थी। मंदिर की स्थापना में मुख्य रूप से श्री धर्मपाल शर्मा, हिंद पाल अग्रवाल, श्री राम भजन पांडे जी ने जी ने मंदिर के निर्माण में बहुत ज्यादा योगदान दिया ।
मंदिर के महासचिव राजेश शर्मा जी ने श्री जयदेव गोस्वामी द्वारा रचित मंगलगीत का संकीर्तन किया और अंत में गौर सग्गड़ ने हरे कृष्ण महामंत्र संकीर्तन करते प्रोग्राम को विश्राम दिया।
इस अवसर पर श्रील जनार्दन महाराज, दीनार्ती हर दास, श्रीनिवास दास, नरेंद्र गुप्ता, रेवती रमन गुप्ता, अजीत तलवाड़, राम मिलन पाण्डेय, अजय अग्रवाल, मिंटु कश्यप, राजन गुप्ता, हेमंत थापर, सत्यव्रत गुप्ता, विजय सग्गड़, ओम भंडारी, अंबरीश, जगन्नाथ शर्मा, दीपक बंसल, दीपक जुल्का, संजीव खन्ना, गोपाल अग्रवाल , केशव अग्रवाल, चंद्रमोहन, सुनील शर्मा, घनश्याम राय, गुरुवरिंदर, जतिन बंसल, मनीष वर्मा, सुनील शर्मा, दिनेश शर्मा, अरुण गुप्ता, आशीष, करण, गौरव, गौतम, केशव वासन, विधान अरोड़ा, शाश्वत, मानव, तापस व अन्य मौजूद थे ।