
श्री चैतन्य महाप्रभु श्री राधा माधव मंदिर, प्रताप बाग में आयोजित श्री राधा माधव जी के पांच दिवसीय झूला महोत्सव के दूसरे दिन भक्तिभाव और उल्लास का सुंदर दृश्य देखने को मिला। इस पावन अवसर पर श्री रूप गोस्वामी तथा श्री गौरी दास पंडित जी की तिरोभाव तिथि भी श्रद्धापूर्वक मनाई गई।
कार्यक्रम की शुरुआत राजेश शर्मा, राधावल्लभ, वैभव शर्मा, अम्बरीष, सुरेश और विधान अरोड़ा द्वारा मंगलाचरण, गुरु व वैष्णव वंदना के साथ हुई। इसके बाद राधे राधे गोविंद गोविंद राधे संकीर्तन के साथ स्वर्ण और रजत आभूषणों से सुसज्जित भगवान श्री राधा माधव जी फूलों से सजे हुए झूले में आकर विराजमान हुए। भक्ति संगीत “अब तो माधव मोहे उबार…” जैसे पदों के साथ संकीर्तन का वातावरण भावविभोर कर देने वाला था।
केवल कृष्ण प्रभु जी ने श्री रूप गोस्वामी जी के योगदान पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आज हम जो मथुरा वृंदावन का दर्शन कर रहे हैं, वह श्री रूप गोस्वामी जी की ही देन है । श्री रूप गोस्वामी जी ने श्री चैतन्य महाप्रभु जी की आज्ञा से लुप्त तीर्थ का उद्धार किया श्री विग्रह सेवा प्रकाश की और बहुत से शुद्ध भक्ति ग्रंथों की रचना की । उन्होंने ‘भक्तिरसामृत सिंधु’ और ‘उपदेशामृत’ जैसे ग्रंथों के माध्यम से वैष्णव सिद्धांतों की संरचना की।
इस अवसर पर नरिंदर गुप्ता, रेवती रमन गुप्ता, सत्यव्रत गुप्ता, अजय अग्रवाल, विजय सग्गड़, हेमंत थापर, संजीव खन्ना, सतीश अग्रवाल, दीपक बंसल, राजेश खन्ना, जतिन बंसल, अरुण गुप्ता, ललित अरोड़ा, जगन्नाथ शर्मा, गौर, कृष्ण गोपाल, पुरुषोत्तम, आशीष, नवदीप, पंकज स्याल, प्रमोद, विशाल भल्ला, दिनेश शर्मा, केशव वासन, कृष्णा, योगेश, सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।