
आज एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता में दलित एकता संघ के अध्यक्ष विकास संगर ने दलित एकता संघ की कार्यकारिणी संघ भारतीय जनता पार्टी व अन्य दलों का खुलकर विरोध किया। संगर ने कहा कि यह चुनाव हमारे आने वाली पीढ़ी के सुरक्षित भविष्य का चुनाव है यह चुनाव भारतीय संविधान को बचाने का चुनाव है संगर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का लक्ष्य किसी भी सूरत में सत्ता पर काबिज होकर भारतीय संविधान निरस्त करने का है जिसे किसी सूरत में दलित समाज सहन नहीं करेगा। संगर ने कहा कि इसकी ताजा मिसाल हमें उत्तर प्रदेश के फैजाबाद से सांसद और भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार लल्लू सिंह के द्वारा एक चुनावी सभा में बोले गए शब्दों से मिलती है जिसमें उन्होंने खास शब्दों में कहा कि केंद्र सरकार तो 272 सीटों पर ही बन जाती है लेकिन संविधान बदलने व संशोधन करने के लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत होती है। संगर ने भारतीय जनता पार्टी के इन नेताओं को कहा कि केवल दलित ही नहीं देश का हर वर्ग भारत रतन बाबा साहिब द्वारा निर्मित भारतीय संविधान की कद्रो कीमत जानता है भारतीय संविधान हमारे लिए एक पूजनीय संघ के समान है और आज हर वर्ग को दलित किसान व मजदूर को इससे बचने के लिए एकजुट होकर जालंधर लोकसभा से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार पूर्व मुख्यमंत्री सरदार चरणजीत सिंह चन्नी के हक में वोट डालकर कामयाब करना हमारी अहम जिम्मेदारी बन चुकी है। संगर ने लोकसभा जालंधर के सभी दलित वर्गों नेताओं व सामाजिक कार्यकर्ताओं से अपील की है अगर कांग्रेस के सिवाय हमारी एक भी वोट किसी दूसरी पार्टी को जाती है तो इसका खामियाजा हमारे आने वाली युवा पीढ़ी को भुगतना पड़ेगा। संगर ने कहा कि अगर हम बात करें आम आदमी की तो इन्होंने भी दलितों के साथ बहुत जातियां की है उसकी उदाहरण हमें इन बातों से मिलती है कि जब सरदार चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा बतौर मुख्यमंत्री पंजाब कार्य संभाला तब उनके द्वारा जालंधर में डेरा सच्च खंड बलां जो कि हमारी आस्था का केंद्र भी है उनके लिए 25 करोड़ खर्च की विकास राशि जारी की जिसको आप सरकार द्वारा रद्द कर दिया गया भगवान वाल्मीकि तीर्थ अमृतसर के लिए 28 करोड़ खर्च की धनराशि जारी की उसको भी रद्द कर दिया गया और पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी में भारत रत्न बाबासाहेब अंबेडकर जी के नाम से खोज केंद्र के लिए 100 करोड़ खर्च की राशि जारी की उसको भी आप सरकार द्वारा रद्द किया गया इन सभी बातों से यह परिणाम निकलता है कि पंजाब की आम आदमी पार्टी भी दलित विरोधी है।