101 साल पहले जिन महापुरूषों ने शिक्षा के सामर्थ्य का अनुभव किया होगा, शिक्षा के महत्व को समझा होगा, और समाज के सभी लोगों को शिक्षा कैसे उपलब्ध हो, समाज के हर परिवार तक भी शिक्षा कैसे पहुंचे, ये सपना देखकर के जिन्होने इस डीएवी कॉलेज का बीज बोया होगा, मैं आज उन सभी दीघदृष्ट्रा महानुभाव को नतमस्तक होकर प्रणाम करता हूं, उनका वंदन करता हूं। – प्रिन्सिपल डॉ एस के अरोड़ा के इन शब्दों के साथ डी ए वी कॉलेज जालंधर के 101 साल पूरे होने पर स्थापना स्थल पर महृषि दयानंद सरस्वती को पुष्प अर्पित करके श्रदांजलि की गई।
इस साल “100 इयर्स ऑफ डीएवी कॉलेज, जालन्धर” नाम की किताब प्रकाशित कर रहे हैं, जो प्रिंसिपल डा. जे.सी. जोशी की देखरेख में पूर्ण होगी। इस किताब के माध्यम से विद्यार्थी डीएवी के 100 वर्ष के गौरवमयी इतिहास को जान सकेंगे।
हमारे कॉलेज ने अपने 101वें बसंत के सफर को आज पूरा किया, एक नए युग की शुरुआत हुई है, नय अवसर होंगे नई चुनौतियाँ होंगी,अपने सपनों को साकार करने के लिए आपसी सहयोग के साथ और अपने उत्तरदायित्व को रचनात्मक रूप से निभाकर हम पूरा करेंगे
– प्रिन्सिपल डॉ एस के अरोड़ा
डी ए वी जालंधर मेरी ज़िन्दगी का सबसे बड़ा प्रेणा स्त्रोत है, इंडियन एजुकेशन सिस्टम में डीएवी कॉलेज जालंधर ने अपना सबसे अहम योगदान निभाया है, डीऐवी एक नाम नहीं एक ब्रांड है, कॉलेज का टीचर एक जोत है जो हर स्टूडेंट के जीवन को प्रकाशमई करता रहेगा
-वाइस प्रिन्सिपल प्रो वी के सरीन
आजादी की लड़ाई का गवाह रहा जालंधर का प्रतिष्ठित डीएवी कॉलेज ने आज अपने 101वां वर्ष को पूरा किया। तमसो मा ज्योतिर्गमय ” यानि अज्ञान के अंधकार से ज्ञान(शिक्षा) के प्रकाश की ओर चलो” भारत की इस महान संस्कृति व परम्परा को निभाते हुए डीएवी कालेज जालंधर नें 101 वर्ष के पूरे होने पर महृषि दयानंद सरस्वती को पुष्प अर्पित किए। इस मौके पर प्रिन्सिपल डॉ एस के अरोड़ा ने कहा कि हमें अपने आपको जागरूक कर नए युग में प्रवेश करना चाहिए, जो जितना जागरूक रहता है, वह उतना ही सफल रहता है। शिक्षा और संस्कार के माध्यम से सशक्त व्यक्ति के द्वारा सशक्ते समाज और सशक्ता राष्ट्र का निर्माण हो और पीढि़यों तक इसके सुफल मिलते रहें, यही हमारा उद्देश्य है। आगे प्रिंसिपल अरोड़ा ने कहा, आजकल जिस तरह का माहौल है, उसमें कोई भी व्यक्ति डिजिटल मीडिया की ग्रोथ से इनकार नहीं कर सकता है। हमने अपनी डिजिटल स्ट्रेटजी पर भी काफी काम किया है और अब हम इसे और विस्तार देने की प्लानिंग भी कर रहे हैं।
कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ एस के अरोड़ा ने कहा कि भविष्य की नीतियों को ध्यान में रखते हुए कॉलेज इस सौ वर्ष समारोह के दौरान सबसे पहले वैदिक आर्य सम्मेलन कराने का प्रस्ताव रखेंगे, नए पाठ्यक्रम और ओउटसोर्सिंग की शुरूआत करेंगे। कॉलेज इस मौके पर पूर्व छात्रों की मदद से विशेष स्कॉलरशिप और कॉलेज में नई सुविधाएं जुटाने की योजना भी है। उच्च गुणवत्ता रिसर्च लैब्स,शोध गतिविधियों को बढ़ावा , शिक्षकों को नई तकनीकों के प्रशिक्षण और छात्रों के लिए कई स्कॉलरशिप योजना में शामिल है।
कॉलेज के प्रिन्सिपल डॉ एस के अरोड़ा ने बताया कि हम इस साल “100 इयर्स ऑफ डीएवी कॉलेज, जालन्धर” नाम की किताब प्रकाशित कर रहे हैं, जो प्रिंसिपल डा. जे.सी. जोशी की देखरेख में पूर्ण होगी। इस किताब के माध्यम से विद्यार्थी डीएवी के 100 वर्ष के गौरवमयी इतिहास को जान सकेंगे।
आगे वाईस प्रिंसिपल प्रो. वी.के. सरीन ने अपने विचार रखते करते हुए कहा ” मुझे यह पूर्ण विश्वास है कि आने वाली पीढ़ी बेहद समझदार, मेहनती और बुद्धिमान है और मुझे आशा है की वह सब अपने प्रबुद्ध और अपने अनुग्रह और आकर्षण के साथ कई घरों को सजीव करेंगे। मैं ईश्वर के आगे यही प्रार्थना करता हूँ की हमारा कॉलेज भविष्य में भी इसी तरह बच्चों के भविष्य संवारता रहे। 101वें उत्सव साल के लिए बहुत सी योजनों पर हम कर रहें हैं तथा हम यह पूर्ण कोशिश करेंगे की यह साल साल डीऐवी के लिए एक ” हिस्टोरिक ईयर ” साबित हो। मैं आज कॉलेज के स्थापना दिवस पर सभी को बधाई और शुभकामनाये देता हूँ। डीएवी कॉलेज जब से अपनी बुनियाद पर कायम हुआ है तभी से लेकर आज तक यह देश के सबसे अहम उत्कृष्ट शिक्षा संस्थानों में से एक माना गया है, इस कॉलेज ने अनुसंधान और शिक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए मजबूत प्रतिबद्धता को बरकरार रखा है। कॉलेज का प्रयास है कि छात्र जिज्ञासु, महत्वाकांक्षी और विश्वसनीय नागरिक बने। कॉलेज अध्ययन के सभी विषयों के लिए एक वैज्ञानिक सोच को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। डीएवी कॉलेज देश का एक अहम रोल मॉडल बनने में कामयाब है, इस संस्था की 101 वर्षोँ की यात्रा पर, इस पूरे कालखंड में जिस किसी ने भी सहयोग किया है, जिस किसी ने भी अपना अनन्य योगदान प्रदान किया वह सभी अभिनंदन के अधिकारी हैं और मैं हृदय से सब के लिए अति आभार व्यक्त करते हैं
स्टाफ़ सेक्रेटेरी प्रो विपन झांजी ने इस मौके पर पूरी स्टाफ़ की ओर से बधाई देते हुए बहुत ही कलात्मक अंदाज़ में डीऐवी के बारे तारीफ करते हुए कहा की भारत में जब भी सर्वश्रेष्ठ शिक्षा पर चर्चा होगी वहां डीऐवी जालंधर के योगदान की चर्चा होती रहेगी। इस कॉलेज के बच्चे न सिर्फ अच्छे इंसान बनते हैं बल्कि उच्च पदों पर भी निर्वाचित होते हैं तथा होते रहेंगे। इस कॉलेज की खासियत ही यही है की यह कॉलेज महज़ बच्चे नहीं बल्कि पूरा व्यक्तित्व तैयार करते हैं जो आगे जाकर हर क्षेत्र में मोर्चा हासिल करते हैं।
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