दिल्ली : प्रसिद्ध चांदनी चौक अपनी ऐतिहासिक महत्ता के लिए जाना जाता है, जो अब नकली दवाओं का बड़ा केंद्र बनता जा रहा है। हाल ही में दिल्ली औषधि नियंत्रण विभाग और दिल्ली पुलिस द्वारा की गई कार्रवाइयों ने इस गंभीर मुद्दे की पुष्टि की है।1969 से संचालित भागीरथी पैलेस देश के सबसे बड़े दवा थोक बाजारों में से एक है। लेकिन पिछले तीन सालों में दिल्ली औषधि नियंत्रण विभाग और दिल्ली पुलिस ने यहाँ छापेमारी करके 14 करोड़ रुपये से ज़्यादा की नकली दवाएं बरामद की हैं। चिंता की बात यह है कि इनमें से ज़्यादातर नकली दवाएं कैंसर, हृदय रोग, किडनी की बीमारी, डायबिटीज और नसों की बीमारियों से जुड़ी थीं। इन नकली दवाओं को जानी-मानी दवा कंपनियों के ब्रांड नाम से पैक करके बेचा जा रहा था। नकली दवाओं की पैकेजिंग, बारकोड और क्यूआर कोड हूबहू असली दवाओं जैसे होने के कारण खरीदार आसानी से धोखा खा जाते हैं, जिससे मरीजों की जान खतरे में पड़ जाती है।जानकारों का मानना है कि कमजोर निगरानी और भ्रष्ट व्यवस्था ने इस अवैध धंधे को एक बड़े कारोबार में बदल दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सख्ती और दिल्ली औषधि नियंत्रण विभाग की लगातार कार्रवाई के बावजूद भागीरथी पैलेस से नकली दवाओं के कारोबार पर पूरी तरह से नियंत्रण नहीं लग पा रहा है जनवरी में आठ करोड़ रुपये की नकली दवाओं का भंडाफोड़ हुआ। क्राइम ब्रांच ने भागीरथी पैलेस सहित दिल्ली-एनसीआर में नकली दवाओं के एक बड़े सिंडिकेट को पकड़ा, जिसका मुख्य सरगना एक डॉक्टर था। दिल्ली ड्रग डीलर्स एसोसिएशन के महासचिव आशीष ग्रोवर का कहना है कि “हम लोग दुकानदारों को लगातार अधिकृत माध्यम से बिल पर दवा लेने के लिए जागरूक करते हैं। अगर कोई गलत करता है तो वह कार्रवाई के लिए तैयार रहे। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, जिससे बाजार साफ-सुथरा होगा।”

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