अफगानिस्तान: अफगानिस्तान में इंटरनेट और टेलीकॉम सेवाओं को पूरी तरह से बंद करने के तालिबान के हालिया आदेश ने एक बार फिर दुनिया का ध्यान उनकी क्रूर नीतियों की ओर खींचा है। नेटब्लॉक्स के अनुसार पूरे देश में कनेक्टिविटी सामान्य स्तर से एक फीसदी से भी कम रह गई है जो एक पूर्ण ब्लैकआउट है। हालांकि अफगानिस्तान में इस तरह के प्रतिबंध कोई नए नहीं हैं। अगस्त 2021 में सत्ता में आने के बाद से ही तालिबान ने महिलाओं और लड़कियों पर व्यापक पाबंदियाँ लगाई हैं जिससे उनकी जिंदगी पूरी तरह सिमट गई है।तालिबान ने सबसे पहले लड़कियों के लिए छठी कक्षा से आगे की पढ़ाई पर पूरी तरह रोक लगा दी थी। धीरे-धीरे उच्च शिक्षा तक उनके प्रवेश को बंद कर दिया गया। आज लाखों लड़कियां और युवतियां स्कूल-कॉलेज जाने से वंचित हैं।महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बंद कर दिए गए हैं। तालिबान ने गैर-सरकारी संगठनों और संयुक्त राष्ट्र से जुड़े प्रोजेक्ट समेत कई क्षेत्रों में महिलाओं के काम करने पर रोक लगा दी।हजारों कामकाजी महिलाओं की रोजी-रोटी छिन गई और वे घरों में कैद होकर रह गईं।

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