एच.एम.वी. में पांच दिवसीय ‘वैदिक चेतना शिविर
का समापन समारोह
हंसराज महिला महाविद्यालय, जालंधर में कॉलेज
प्राचार्या प्रो. डा. (श्रीमती) अजय सरीन के योग्य नेतृत्व
अधीन आयोजित पांच दिवसीय वैदिक चेतना शिविर का
समापन समारोह आयोजित किया गया। सर्वप्रथम इसमेंमुख्य
यजमान के रूप में प्रेरक वक्ता श्री कुन्दन लाल अग्रवाल
(उद्योगपति, एवं सदस्य स्थानीय समिति) रहे। श्रीमती मीनाक्षी
स्याल (कोआर्डिनेटर रेसीडेंट स्कालर्ज़) ने
कॉलेज की परंपरा का प्रतीक प्लांटर एवं शाल
भेंट कर उनका तहे दिल से स्वागत किया। तत्पश्चात
शिविर का शुभारम्भ हवन यज्ञ के माध्यम से किया एवं
मुख्य यजमान श्री कुंदन लाल अग्रवाल, श्रीमती मीनाक्षी
स्याल एवं श्रीमती सुनीता धवन ने हवन कुंड में आहुतियां
डालकर छात्राओं के स्वर्णिम भविष्य की कामना कर
आशीर्वाद दिया।
श्री कुन्दन लाल अग्रवाल ने स्वामी दयानन्द सरस्वती
के जीवन एवं दर्शन से संबंधित घटनाओं का वर्णन कर
छात्राओं को उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने
के लिए प्रेरित किया एवं ओ३म् का अर्थ बताते हुए कहा कि
तन, मन, धन सब परमेश्वर द्वारा प्रदत्त है। हम सभी
ईश्वर के पुत्र-पुत्री है और हमें ऐसे कार्य करने
चाहिए जिससे राष्ट्र के सशक्तिकरण व स्वर्णिम विकास
में अहम भूमिका निभा सके। उन्होंने छात्राओं को
जीवन में सफलता हेतु शुभाशीष दिया। तत्पश्चात् श्रीमती
सुनीता धवन (संयोजिका)ने चारों सत्रों की प्रशंसा करते
हुए प्रभावशाली ढंग से रिपोर्ट पढ़ी और इस शिविर
को सफलता के शिखर तक पहुंचाने हेतु सभी का तहे दिल
से धन्यवाद किया। कु. सृष्टि एवं कु. कमल ने इस शिविर से
लाभान्वित होते हुए अपने अनुभवों को सांझा किया एवं
भविष्य में भी ऐसे शिविर के आयोजन की आशा व्यक्त की।
इस अवसर पर ‘प्रतिभा खोज प्रतियोगिता में प्रतिभागी
छात्राओं को पुरस्कृत किया जिसमें निर्णायक की
भूमिका श्रीमती मीनाक्षी स्याल ने निभाते हुए कु. नितिका
को (भजन गायन), कु. जोया एवं कु. सृष्टि (कविता
उच्चारण), कु. अमन एवं कशिश (ग्रुप डांस), कु. कमल
एवं जोया (लोक गीत), कु. आकाशदीप एवं कु. सनमप्रीत (शब्द
गायन), कु. आकांक्षा (लोक गीत), कु. जश्न एण्ड जश्न (लोक
नृत्य) के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कॉलेज
प्राचार्या प्रो. डा. (श्रीमती) अजय सरीन ने कहा कि
वैदिक संस्कृति के मूल्यों एवं आदर्शों से छात्राओं को
परिचित कर उनका परिष्कार करना और वैदिक
चेतना शिविर से छात्राओं में प्राचीन गौरवशाली
वैदिक संस्कृति के पल्लवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती
है।
अंत में (श्रीमती) मीनाक्षी स्याल ने सभी का धन्यवाद
ज्ञापन ज्ञापित करते हुए सभी के सहयोग की भूरि-
भूरि प्रशंसा की। इस अवसर पर श्रीमती वीना (हास्टल
वार्डन), श्री अमरजीत खन्ना, श्री लखविंदर सिंह, श्री रवि
मैनी, डा. जीवन, श्रीमती अनुराधा ठाकुर, सुश्री सिमी
भी मौजूद रहे। मंच का संचालन डॉ. (श्रीमती) ज्योति
गोगिया ने किया। समग्रत: पांच दिवसीय यह संगोष्ठी
सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई।