
जालंधर:- मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नज़दीक लमांपिंड चौंक जालंधर में सामुहिक निशुल्क दिव्य हवन यज्ञ का आयोजन मदिंर परिसर में किया गया।
सर्व प्रथम ब्राह्मणो द्वारा मुख्य यजमान संजीव बहल से विधिवत वैदिक रिती अनुसार पंचोपचार पूजन, षोडशोपचार पूजन ,नवग्रह पूजन उपरांत सपरिवार हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई गई।
सिद्ध मां बगलामुखी धाम के प्रेरक प्रवक्ता नवजीत भारद्वाज जी ने दिव्य हवन यज्ञ में उपस्थित प्रभु भक्तों को जपजी साहिब के कुछ श्लोकों का अर्थात् बहुत विनम्रता और सहजतापूर्वक समझाते हुए कहते है कि
*‘सोचै सोचि न होवई जे सोची लख वार’-* यानी ईश्वर का रहस्य सिर्फ सोचने से नहीं जाना जा सकता है, इसलिए नाम जपे।
*‘चुपै चुपि न होवई जे लाई रहा लिवतार।’-* अगर हम चुप बैठते हैं, तो यह न समझें कि हमारा चुप बैठना, वास्तव में मौन है। बाह्य, स्थूल ध्यान कितना भी लगा लें, कुछ नहीं होगा। अंदर से वासना चुप होगी, तभी सच्चा मौन सधेगा।
*‘भुखिआ भुख न उतरी जे बंना पुरीआ भार।’* – चाहे दुनियाभर का सामान इकट्ठा कर लिया यानी बहुत सारा खाना इकट्ठा किया, इतने से ही भूख मिट गयी, ऐसा नहीं कह सकते। खाना पेट में जाएगा, तब ही साक्षात् खाना खाने की अनुभूति होगी। तभी भूखे की भूख मिटेगी।
*‘सहस सिआणपा लख होहि त इक न चलै नालि।* ’ – हम बुद्धिमान हों। हम युक्ति, व्यावहारिक अक्ल चलाएँ, और चाहे वे युक्तियाँ हजार से लाख बन जाएँ, तो भी उनमें से एक भी हमारे साथ आने वाली नहीं।
*‘किव सचिआरा होईऐ किव कूड़ै तुटैं पालि।* ’- हम सच्चे कैसे बनेंगे, और झूठ का पर्दा कैसे टूटेगा, यही मुख्य समस्या है। हम सच्चे बनेंगे, तभी ध्यान का, चिंतन का उपयोग होगा।
*‘हुकमि रजाई चलणा नानक लिखिआ नालि’* – ईश्वर के हुकुम के मुताबिक, उसकी सम्मति पर, उसके आदेश पर चलना, नानक कहते हैं, यही सच्चा बनने का रास्ता है।
नवजीत भारद्वाज जी ने प्रभु भक्तों को प्रवचनों से निहाल करते हुए कहते है कि लेकिन उसका हुक्म कैसे माना जाए? उसके लिए बुद्धि शुद्ध करनी होगी। अगर हम वासना में फँस जाएँ और यह मानें कि यह तो भगवान ने कराया है, तो समझना चाहिए कि असत्य का पर्दा पड़ा है। उसके आदेश को सुनने में मनुष्य का अहंकार और आसक्ति बाधा डालती हैं। मुख्य चीज है, सत्य का दर्शन। अपने को कायम रखकर, सत्य का दर्शन नहीं होता है।
अपने को मिटा दें, हटा दें, दूर करें, तो चिंतन की प्रक्रिया ठीक चलेगी, और सहज ही स्वच्छ प्रकाश मिलेगा और फिर उस पर चलना आसान होगा।
हवन यज्ञ के उपरांत मां की आरती एवं लंगर भंडारे का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर बलजिंदर सिंह, विवेक अग्रवाल,अमरेंद्र कुमार शर्मा,समीर कपूर,सरोज बाला,नरेश, सुभाष डोगरा, उदय ,अजीत कुमार , नरेंद्र ,रोहित भाटिया,राकेश शर्मा,नवीन , प्रदीप, सुधीर, सुमीत,डॉ गुप्ता,संजीव शर्मा,मुकेश,अमनदीप शर्मा, गुरप्रीत सिंह,दीलीप, लवली, लक्की,जगदीश, नवीन कुमार, निर्मल,अनिल,सागर, दीपक कुमार, नरेंद्र, सौरभ,दीपक कुमार, नरेश,दिक्षित, अनिल सहित भारी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।