
Delhi: भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए देश के सभी अनाथ बच्चों को शिक्षा का अधिकार कानून के तहत स्कूलों में दाखिला देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह फैसला एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया, जिसमें अनाथ बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा देने की मांग की गई थी।सुप्रीम कोर्ट की दो-न्यायाधीशों की पीठ, जिसमें जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस केवी विश्वनाथन शामिल थे, ने साफ किया कि अनाथ बच्चों को भी आरटीई एक्ट के तहत 25 प्रतिशत आरक्षण कोटे के अंतर्गत निजी स्कूलों में दाखिला और मुफ्त शिक्षा दी जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि अनाथ बच्चों को ‘वंचित समूहों’ की श्रेणी में शामिल किया जाना चाहिए ताकि उन्हें शिक्षा का पूरा अवसर मिल सके।
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