
चंडीगढ़, 12 सितंबर
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज पंजाब में भयानक बाढ़ के संकट से जूझ रहे लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के बजाय इस मुश्किल घड़ी में भी सियासत खेलने की घटिया चालों के लिए विपक्षी पार्टियों की कड़ी आलोचना की।
आज यहां एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कितनी दुखद बात है कि देश के विभिन्न राज्यों और विदेशों से भी लोग बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए पंजाब के साथ मजबूती से खड़े हैं, लेकिन दूसरी ओर राजनीतिक दल विपदा के समय एकजुटता दिखाने के बजाय सियासी रोटियां सेंकने में व्यस्त हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब ने केंद्र सरकार को बाढ़ से हुए नुकसान की रिपोर्ट सौंपकर लोगों के पुनर्वास के लिए धनराशि की मांग की है। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने पंजाब दौरे पर आए, तो भाजपा में शामिल हुए दल-बदलू कांग्रेसी नेताओं ने पंजाब का पक्ष मजबूत करने की तो दूर, उल्टा पंजाब सरकार के वहां मौजूद कैबिनेट मंत्रियों हरदीप सिंह मुंडिया और गुरमीत सिंह खुडियां को प्रधानमंत्री के सामने पक्ष रखने तक नहीं दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता दुख की इस घड़ी में पंजाब के साथ खड़े होने के बजाय केंद्र सरकार को गुमराह करके केंद्रीय सहायता के रास्ते में अड़चनें पैदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह कितनी दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़, रवनीत सिंह बिट्टू, सुशील रिंकू जैसे दल-बदलू नेताओं ने भाजपा के पुराने वरिष्ठ नेताओं को आगे की कतार में जगह नहीं दी, बल्कि पुराने नेताओं को किनारे करके बिठाया।
राज्य आपदा राहत कोष के बारे में किए जा रहे झूठे दावों का जवाब आंकड़ों के साथ देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अप्रैल 2022 से पंजाब को केंद्र सरकार से केवल 1582 करोड़ रुपए का कोष प्राप्त हुआ है, जिसमें से आपदा के दौरान राहत कार्यों के लिए 649 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पंजाब के ग्रामीण विकास कोष (आर.डी.एफ.) के 8000 करोड़ रुपए अभी तक जारी नहीं किए, लेकिन पंजाब के भाजपा नेताओं ने कभी भी इस मुद्दे पर केंद्र के सामने आवाज नहीं उठाई।
अकाली नेता सुखबीर बादल द्वारा बाढ़ पीड़ित किसानों को गेहूं का मुफ्त बीज देने की घोषणा पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अकालियों के दावों पर कभी भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि अकाली सरकार के समय किसानों को नकली बीज बांटे गए थे, जिससे किसानी बर्बाद हो गई थी। विपक्षी पार्टियों को पंजाब के मुद्दों, खासकर बाढ़ से संबंधित राहत कार्यों के लिए मुख्यमंत्री ने इन नेताओं को बहस की चुनौती दी है।