जालंधर-13 सितंबर

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण और पंजाब राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार, श्री निर्भय सिंह गिल, माननीय जिला एवं सेशन जज-कम-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जालंधर के नेतृत्व में, आज जालंधर, फिल्लौर और नकोदर के न्यायिक कोर्ट परिसरों में राष्ट्रीय लोक अदालत लगाई गई।

इस लोक अदालत में विभिन्न प्रकार के अदालतों में लंबित सिविल मामले, विवाह संबंधी मामले, एम.ए.सी.टी. मामले, समझौता योग्य आपराधिक मामले, ट्रैफिक चालान, और बैंकों, वित्तीय संस्थानों, बी.एस.एन.एल., पी.एस.पी.सी.एल. तथा राजस्व विभाग से संबंधित मुकदमों से संबंधित सुनवायी की गई।

इस संबंध में जानकारी देते हुए श्री निर्भय सिंह गिल, माननीय जिला एवं सेशन न्यायाधीश-कम-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जालंधर ने बताया कि जालंधर, फिल्लौर और नकोदर में कुल 27 बेंचों का गठन किया गया था। उन्होंने आगे बताया कि लोक अदालत में कुल 53,083 मामले सुनवाई के लिए, जिनमें से 52,238 मामलों का समझौते के माध्यम से निपटारा किया गया। लोक अदालत में 130,18,74,274/- (130 करोड़ 18 लाख 74 हजार 274 रुपये) के अवार्ड निपटाए गए।

श्री निर्भय सिंह गिल, ने बताया कि लोक अदालत के माध्यम से लोगों को तुरंत न्याय मिलता है। लोक अदालत का फैसला अंतिम होता है और इस फैसले के खिलाफ कोई अपील दायर नहीं की जा सकती। फैसला दोनों पक्षों के बीच आपसी समझौते के आधार पर दिया जाता है। लोक अदालतें सामुदायिक सौहार्द को बढ़ावा देती हैं। इसके अलावा, आवेदक द्वारा दी गई अदालती शुल्क भी वापस कर दी जाती है।

इस संबंध में श्री राहुल कुमार, माननीय सी.जे.एम.-कम-सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जालंधर ने बताया कि समय-समय पर लोक अदालतें लगाई जाती है ताकि मामलों का निपटारा आपसी समझौते के माध्यम से हो सके। लोक अदालत में मामला दर्ज करने और किसी भी कानूनी मामले के बारे में सलाह/मुफ्त कानूनी सहायता के लिए जानकारी प्राप्त करने हेतु, कोई भी व्यक्ति टोल-फ्री नंबर 15100 पर संपर्क कर सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि अगली लोक अदालत 13.12.2025 को आयोजित होगी।
इस दौरान श्री आदित्य जैन, अध्यक्ष और श्री रोहित गंभीर, सचिव, बार एसोसिएशन, जालंधर भी उपस्थित थे।

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