
पंजाब सरकार की ओर से पिछले 6 महीने से राज्य के 136 एडिड कॉलेजों के अध्यापकों को वेतन न दिए जाने के कारण बहुत रोष पाया जा रहा है! आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा शिक्षा क्रांति लाने के दावे झूठे साबित हुए है तथा उनकी अध्यापक विरोधी नीतियों के कारण वेतनों के बिल रुके हुए है! पंजाब सरकार उनके वेतन जारी करने में नाकाम रही है!
पंजाब एवं चंडीगढ़ कॉलेज टीचर्स यूनियन (पीसीसीटीयू) के आह्वाहन पर 16 सितम्बर को हंस राज महिला महाविद्यालय के यूनिट द्वारा कैंपस धरना दिया गया! एचएमवी यूनिट की प्रधान डॉ. आश्मीन कौर ने अपने पूरे यूनिट के साथ विद्यार्थियों को सम्बोधित किया तथा उन्हें सरकार की शिक्षक विरोधी नीतियों के बारे में जागरूक किया! उन्होंने बताया कि किस प्रकार सरकार की कारगुज़ारी के कारण अध्यापकों को बिना वेतन के गुज़ारा करने के कारण अपनी बचतों को प्रयोग करना पड़ रहा है तथा बहुत से अध्यापक वेतन न मिलने की समस्या को न झेलते हुए मानसिक प्रताड़ना के चलते अपनी जान भी गवां चुके है लेकिन पंजाब सरकार को रत्ती भर भी फर्क नहीं पड़ा!
यूनिट की सचिव डॉ. शालू बत्तरा ने भी विद्यार्थियों को पंजाब सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों के बारे में बताया तथा कहा कि आने वाले समय में विद्यार्थी टीचिंग करियर को अपनाना ही नहीं चाहेंगे जिससे शिक्षा जगत में घोर संकट पैदा हो जाएगा! डॉ. सीमा खन्ना ने भी विद्यार्थियों को नीतियों के प्रति जागरूक रहने के लिए प्रेरित किया! स्टाफ सचिव श्रीमती कुलजीत कौर ने भी कहा कि अध्यापक को भगवान् का दर्ज़ा दिया गया था लेकिन पंजाब सरकार ने शिक्षकों का ही शोषण कर दिया है!
विद्यार्थियों को जागरूक करने के इस अभियान में एचएमवी यूनिट के हर सदस्य ने अपना पूरा योगदान दिया!