
डीएवी कॉलेज, जालंधर में वनस्पति विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. कोमल अरोड़ा ने अपने साहित्यिक कार्य “मेहनत की स्याही” के लिए कॉपीराइट संरक्षण प्राप्त करके अपने शानदार करियर में एक और उपलब्धि हासिल की है। यह उनका दूसरा पंजीकृत कॉपीराइट है, जो उनके बहुमुखी व्यक्तित्व और शैक्षणिक एवं रचनात्मक दोनों ही क्षेत्रों के प्रति अटूट समर्पण का प्रमाण है। सत्रह वर्षों से अधिक की शैक्षणिक यात्रा के दौरान, डॉ. अरोड़ा ने शिक्षण, अनुसंधान और साहित्य में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उन्होंने अपने इस विश्वास की पुष्टि की कि विज्ञान और साहित्य का तालमेल विचार और अभिव्यक्ति के नए आयामों को प्रेरित कर सकता है।
डॉ. अरोड़ा ने डीएवी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार और डीएवी कॉलेज प्रबंध समिति (डीएवी सीएमसी), नई दिल्ली के प्रति उनके निरंतर प्रोत्साहन और नवीन शैक्षणिक एवं रचनात्मक उपक्रमों को बढ़ावा देने में सहयोग के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने अपने परिवार को भी उनकी प्रेरणा, अटूट समर्थन और स्नेह के लिए धन्यवाद दिया।