*उत्तर प्रदेश*,*अक्टूबर 2025*: उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक के माइक्रोबैंकिंग ग्राहकों के लिए विशेष रूप से समर्पित मोबाइल बैंकिंग प्लेटफॉर्म, हेलो उज्जीवन ऐप ने अपनी शुरुआत के बाद से अब तक 690 करोड़ रुपए से अधिक के वित्तीय लेन-देन की सुविधा प्रदान की है। यह ऐप मुख्य रूप से समूह तथा व्यक्तिगत ऋण लेने वाले माइक्रोफाइनेंस ग्राहकों के लिए बनाया गया है, जिनमें से अधिकांश पहली बार डिजिटल बैंकिंग का उपयोग कर रहे हैं और यह वित्तीय बहिष्करण तथा आर्थिक सशक्तिकरण के बीच उल्लेखनीय कड़ी बन गया है।
*हेलो उज्जीवन ने 13 लाख से अधिक डाउनलोड के साथ,* अपने माइक्रोबैंकिंग उपयोगकर्ताओं के बीच गहरी भागीदारी हासिल की है, जिनमें से 98 प्रतिशत महिलाएँ हैं और उपयोगकर्ताओं की औसत आयु 35 वर्ष है। इस ऐप ने 277 करोड़ रुपए के ऋण भुगतान, सावधि और आवर्ती जमा खातों के माध्यम से 358 करोड़ रुपए जमा, व्यक्तिगत ऋण वितरण में 34 करोड़ रुपए की सहायता प्रदान की है और2.4 करोड़ रुपए मूल्य की 36,000 से अधिक हॉस्पिकेयर बीमा खरीदारी को सुगम बनाया है। इसके अलावा, पाँच लाख से अधिक ऋण वितरण पावती पूरी तरह से डिजिटल रूप से प्राप्त की गई है, जिससे बैंक जाने की आवश्यकता कम हो गई है। भौतिक बैंकिंग से डिजिटल प्रक्रिया की ओर बढ़ना उन ग्राहकों के लिहाज़ से बड़ा व्यावहारिक बदलाव दर्शाता है, जो पहले औपचारिक बैंकिंग प्रौद्योगिकी से अपरिचित थे।
*हेलो उज्जीवन को* ;*”भारत के पहले वॉइस-विज़ुअल-वर्नाक्यूलर मोबाइल बैंकिंग ऐप* के रूप में इस तरह तैयार किया गया है कि ग्राहकों के लिए इसका उपयोग आसान हो। यह हिंदी, मराठी, बंगाली, तमिल, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, असमिया, उड़िया और अंग्रेजी सहित 11 भारतीय भाषाओं में वॉइस सहायता, विज़ुअल नेविगेशन और बहुभाषी कार्यक्षमता को जोड़ता है। यह ऐप साक्षरता और भाषा संबंधी बाधाओं को दूर कर माइक्रोबैंकिंग ग्राहकों को अपनी पसंदीदा भाषा और संचार माध्यम में ऋण स्वीकृति, पुनर्भुगतान, बचत और बीमा जैसी आवश्यक बैंकिंग गतिविधियाँ स्वतंत्र रूप से करने में सक्षम बनाता है।
यह ऐप संपूर्ण व्यक्तिगत ऋण प्रक्रिया, पूर्व-स्वीकृत और टॉप-अप संवितरण, एनईएफटी और आईएमपीएस के माध्यम से 20 करोड़ रुपए से अधिक के लेन-देन की प्रक्रिया और अपने डिजिटल दीक्षा फीचर के जरिए वित्तीय साक्षरता का भी समर्थन करता है। डिजिटल दीक्षा फीचर वंचित और अल्प-सेवा प्राप्त वर्गों के ग्राहकों को अपने वित्तीय लक्ष्यों की योजना बनाने तथा उन पर नज़र रखने में मदद करता है, वास्तविक समय के आधार पर प्रगति पर नज़र रखने तथा याद दिलाने में मदद करता है, और दीर्घकालिक वित्तीय अनुशासन को प्रोत्साहित करता है।
*उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक में सूक्ष्म बैंकिंग और स्वर्ण ऋण के प्रमुख, विभास चंद्रा ने ऐप के प्रभाव पर अपनी टिप्पणी में कहा,* : हेलो उज्जीवन को अपनाना हमारे माइक्रोबैंकिंग ग्राहकों के लिए वास्तविक वित्तीय सशक्तिकरण का प्रतीक है। इसका सरल डिज़ाइन, मजबूत सुरक्षा फीचर और सेवाओं की विस्तृत श्रृंखला उन्हें आत्मविश्वास के साथ ऐप का उपयोग करने में मदद करती है। हेलो उज्जीवन पर उनका भरोसा डिजिटल बैंकिंग के साथ उनकी बढ़ती सहजता को दर्शाता है और इससे उन्हें अपनी वित्तीय स्थिति पर बेहतर नियंत्रण रखने में मदद मिली है, साथ ही हमें ऐप की क्षमताओं को और बेहतर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया है।”
उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक ने अपनी मौजूदा सफलता के आधार पर वित्त वर्ष ‘26 तक कई नए विचार के साथ ऐप की क्षमता का और विस्तार करने का लक्ष्य रखा है, ताकि ग्राहकों को बेहतर सुविधा प्रदान की जा सके, जुड़ाव बढ़ाया जा सके और वंचित तबके में डिजिटल प्रक्रिया अपनाने को बढ़ावा दिया जा सके। ग्राहक वर्गों के बीच डिजिटल खाई को पाटने से जुड़ी हेलो उज्जीवन की उपलब्धियों के लिए इसे उद्योग के कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। हेलो उज्जीवन को मिले पुरस्कारों में 2023 में एमईआईटीवाय द्वारा उपभोक्ता प्रौद्योगिकी में नवाचार के लिए एजिस ग्राहम बेल पुरस्कार, वित्त वर्ष 2024 के लिए डिजिटल उपभोक्ता अनुप्रयोग के लिए स्कॉच (एसकेओसीएच) पुरस्कार, वित्त वर्ष 2024 के लिए प्रौद्योगिकी नवाचार के लिए बिज़नेस टुडे सर्वश्रेष्ठ बैंक पुरस्कार और मैसेचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी द्वारा संचालित सामाजिक प्रभाव नवोन्मेष से जुड़े वैश्विक मंच, एमआईटी सॉल्व वित्त वर्ष 2024 में फाइनलिस्ट के रूप में इसका चयन शामिल है। बैंक अब अपने माइक्रोबैंकिंग ग्राहक पोर्टफोलियो के भीतर संग्रह दक्षता, ऋण वितरण और क्रॉस-सेल अवसरों के लिए डिजिटल त्वरक (एक्सेलरेटर) के रूप में हेलो
उज्जीवन को आगे बढ़ा रहा है। वित्तीय व्यवहार में बदलाव लाने में इस ऐप की सफलता इसे समावेशी डिजिटल बैंकिंग मिशन के मॉडल के रूप में स्थापित करती है।

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