एच.एम.वी. में नैशनल डे आफ
बायोडायवर्सिटी समागम का आयोजन

हंसराज महिला महाविद्यालय, जालंधर में कॉलेज
प्राचार्या प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन के योग्य नेतृत्व
अधीन नैशनल बायोडायवर्सिटी अथॉरिटी (भारत
सरकार द्वारा प्रयोजित) और पंजाब
बायोडायवर्सिटी चंडीगढ़ के सहयोग से लोगों में
‘अपनी बायोडायवर्सिटी, अपने भोजन और अपनी सेहत
प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए ‘इंटरनेशनल डे
आफ बायोडायवर्सिटी समागम का आयोजन किया गया।
समागम का आगाज़  डी.ए.वी. गान द्वारा किया गया।
समागम में मुख्यातिथि सुश्री रूपसी (सहायक
डायरैक्टर, खेती विरासत मिशन, जैतों) का स्वागत श्रीमती
मीनाक्षी स्याल (कोआर्डिनेटर-एच.एम.वी. कॉलिजएट
सीनियर सेकेण्डरी स्कूल, जलंधर) और डॉ. अंजना
भाटिया (ओवरआल कोआर्डिनेटर, समागम) द्वारा
प्लांटर भेंट करके किया गया। प्राचार्या प्रो.
डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन ने अपने संबोधन में
बायोडायवर्सिटी बोर्ड का धन्यवाद करते कहा कि
हंसराज महिला महाविद्यालय स्वदेशी किस्मों के
बारे में समयराचक, रिवायती व स्थानीय जानकारी
को उत्साहित करने के लिए वचनबद्ध है। डॉ. अंजना
भाटिया और डा. मोनिका महाजन ने इस ग्रांट अधीन
अलोप हो रहे मिल्टस संबंधी खोज अध्ययन करके रिपोर्ट
तैयार की। उन्होंने बताया कि आधुनिक समय में पंजाब
की फसल से मिल्टस गायब हो रहा है। आज के समय में
केवल सोरगम और बाजरे की फसल केवल मानसा,
होशियारपुर, फिरोजपुर, संगरूर और लुधियाना
आदि जिलों में पैदा की जाती है। मिल्टस फसलों का
पोषण मूल्य, वातावरण मूल्य असाधारण तौर पर बढ़ा
देती है, जिससे फसलों को पानी की कम जरूरत होती है।
यह लौह तत्व से भरपूर होते हैं व डायबिटीज़,
मोटापा और रक्त की कमी जैसी बीमारियों से बचाव के
लिए लाभदायक होते हैं। इस सब के बावजूद किसान
बाजरे की खेती छोड़ते जा रहे हैं क्योंकि लोगोों ने

अपनी खुराक में से इसको विरक्त कर दिया है जिससे इसकी
पैदावार कम हो रही है।
इस समागम में लगभग 100 छात्राओं ने
बायोडायवर्सिटी संबंधी न केवल जानकारी हासिल की
बल्कि पी.पी.टी. व पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में हिस्सा
लेकर अपनी प्रतिभा का भी प्रदर्शन किया। स्टूडेंट्स
ने सुश्री रूपसी से विचार-विमर्श करके अपने संशय की
भी निवृति की। प्राचार्या जी द्वारा पोस्टर मेकिंग में
प्रथम कु. कुदरत (+1, मैडिकल), द्वितीय कु. नैन्सी (+1 आट्र्स),
तृतीय कु. ईशिता (+1 मैडिकल), सांत्वना कु. मेघा
(+1आट्र्स) और पी.पी.टी. में प्रथम मुस्कान मोरिया (+1
कामर्स), द्वितीय दीक्षा शर्मा (+2 मैडिकल), तृतीय
प्रेरणा (+1 मेडिकल) को पुरस्कृत किया गया।
निर्णायक की भूमिका कु. अवंतिका व डा. शैलेन्द्र ने
निभाई। मंच संचालन डॉ. अंजना भाटिया ने किया। इस
मौके पर टीचिंग व नान-टीचिंग स्टाफ सदस्य भी उपस्थित
रहे।

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