सिफ फॉर जस्टिस के आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू को लेकर अहम खबर सामने आई है। मिली जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने पन्नू के साथी को बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने पन्नु के साथी को बेल देने से इनकार करते हुए कहा कि जमानत के नियम हैं और ये अनलॉफुल अक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट (UAPA) 1967 में लागू नहीं होता है। अपराधों से जुड़े मामलों में मुकद्दे में देरी के आधार पर जमानत नहीं दी जा सकती है। बेल की सुनवाई न्यायाधीश एमएम सुंदेश और अरविंद कुमार की पीठ द्वारा की गई है।

कोर्ट ने कहा बुधवार को सुनवाई में कहा कि रिकॉर्ड पर उपलब्ध सामग्री प्रतिबंधित आतंकी संगठन के सदस्यों की गतिविधियों को आगे बढ़ाने में आरोपी गुरविंदर सिंह उर्फ गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी संलिप्तता का संकेत देती है, जिसमें विभिन्न चैनलों के माध्यम से बड़ी मात्रा में धन का आदान-प्रदान शामिल है। यूएपीए की धारा 18 के तहत आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का आरोपी है।

गौरतलब है कि आरोपी गुरविंदर सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका खारिज होने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। बता दें आरोपी को 2018 में आतंकवादी संगठन के एक माड्युल पर्दाफाश के दौरान गिरफ्तार किया था और एनआईए ने पंजाब पुलिस से मामले की जांच के बाद आरोपपत्र दाखिल किया था। कोर्ट ने 9 दिसंबर 2021 को आोरपी गुरविंदर सिंह के खिलाफ आरोप तय किए थे। आरोपी ने मुकद्दमें देरी के चलते जमानत देने की याचिका दायर की थी, जिसे हाईकोर्ट के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

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