एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर में ‘सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स’ विषय पर फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया। इस प्रोग्राम में स्रोत वक्ता के रूप में प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने विषय विशेष पर विस्तृत रूप से अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने भी ASEM बीजिंग में हुई मीटिंग में सस्टेनेबल डेवलपमेंट को बड़ी चुनौती मानते हुए कहा था इस विषय पर केवल चर्चा करना ही काफी नहीं है बल्कि इसके व्यावहारिक रूप को अपनाने की बात करते हुए कहा था विकास तभी संभव है जब सब देश मिलकर इन चुनौतियों को हासिल करने का प्रयत्न करेंगे। डॉ ढींगरा ने बताया कि सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) या वैश्विक लक्ष्य, संयुक्त राष्ट्र द्वारा बनाए गए अंतर्राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों का एक समूह है. इन लक्ष्यों को साल 2015 में अपनाया गया था और ये 2015 से 2030 तक के लिए हैं. इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए, समाज के सभी लोगों की रचनात्मकता, जानकारी, प्रौद्योगिकी, और वित्तीय संसाधनों की ज़रूरत है। डॉ ढींगरा ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ का मानना है कि हम केवल अपना विकास करते हुए ही आगे नहीं बढ़ सकते अगर किसी भी देश में गरीबी जैसी समस्या रहेगी तो वह एक न एक दिन अन्य देशों को भी प्रभावित करेगी और उसके विकास में भी खतरा बनेगी, पूरे विश्व का विकास तभी संभव है जब सभी देश जिम्मेदारी के साथ उत्पादन भी करें और उनका उपभोग भी जिम्मेदारी के साथ ही करें।स्वकेंद्रित होकर किया गया विकास कुछ देर के लिए तो आपको प्रसन्न कर सकता है लेकिन जब तक इसमें दूसरों के विकास की भावना नहीं रहेगी तब तक वह विकास अधूरा ही रहेगा बात चाहे पर्यावरण संरक्षण की हो, आर्थिक विकास की हो,पानी में रहने वाले जीव जंतुओं के संरक्षण की हो, पौष्टिक आहार की हो या फिर बिना किसी भेदभाव के समाज में सबको मिलने वाले समानता के अधिकार की हो। डॉ नीरजा ने कहा कि अगर हम यह सोचते हैं कि हमारे देश में पर्यावरण प्रदूषित है तो हम दूसरे देश में बस सकते हैं तो आने वाले समय में दूसरे देश में भी प्रवासी लोगों के पहुंचने से वही दिक्कतें शुरू हो जाएगी इसलिए जरूरत है कि जहां हम रह रहे हैं वहां के पर्यावरण के संरक्षण में व्यक्तिगत रूप से भी योगदान दे और अन्य लोगों को भी इसके प्रति जागरूक करें।
फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए डॉ ढींगरा ने फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम की इंचार्ज डॉ अंजना कुमारी और मैडम रजनी कुमार के प्रयासों की भरपूर सराहना की। अंग्रेजी विभाग की प्राध्यापिका परिधि तुली ने श्रेष्ठ मंच संचालन करते हुए इस प्रोग्राम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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