चम्बा: सर्दियों में बारिश न होने के कारण जल स्त्रोत सूख रहे हैं। इस कारण पहाड़ी क्षेत्रों में पेयजल संकट गहराने लगा है। स्रोतों में जलस्तर गिरने से योजनाओं में पानी की काफी कमी हो गई है। चम्बा उपमंडल की ग्राम पंचायत टिकरी समेत आसपास के क्षेत्रों में उपभोक्ताओं को पांचवें दिन पानी की सप्लाई करनी पड़ रही है। यहां हलोठ प्राकृतिक पेयजल पूरी तरह से सूख चुका है, जिस कारण पंचायत के गांव सरूंडा, बधाली, ढलोगा, सलपड़ व टिकरी समेत अन्य दर्जनों गांव में बारिश न होने से सूखे की स्थिति पैदा हो गई है।

बिना बारिश के गेहूं की बिजाई नहीं हो पा रही है और न ही सेब के पौधों के तौलिए बनाने का कार्य हो पा रहा है। टिकरी के अलावा अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में यही हाल है। यहां के लोगों को पेयजल मुहैया करवाने के लिए जलशक्ति विभाग ने विभिन्न पेयजल योजनाएं संचालित की हैं, लेकिन इस बार समय पर बारिश न होने से प्राकृतिक जल स्रोत सूखने लगे हैं। सलूणी, भटियात सहित अन्य क्षेत्रों में भी ऐसी ही स्थिति है। बारिश न होने से पनिहारों व बावड़ियों का जलस्तर घटने लगा है।रातभर बावड़ियों में पानी इकट्ठा होने पर सुबह 100 से 200 लीटर भर जाता है, लेकिन दिन में यहां पानी नहीं मिलता है। विशेषज्ञों की मानें तो 2 माह से चल रहे सूखे के कारण कई पेयजल स्रोतों में 60 प्रतिशत तक जलस्तर गिर गया है। जिले में 10 प्रतिशत खेती की सिंचाई होती है और 90 प्रतिशत बारिश पर निर्भर है।

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