नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार भीड़ द्वारा हिंसा और हत्या जैसी घटनाओं से नागरिकों की सुरक्षा के लिए विधानसभा में एक बिल पेश करेगी। एक अखबार में छपी खबर के मुताबिक पश्चिम बंगाल (भीड़ द्वारा हत्या पर रोकथाम) विधेयक, 2019 में उम्र कैद की सजा और 1 लाख रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक का जुर्माना है। बिल को 30 अगस्त को सदन में पेश किए जाने की संभावना है।
टेलीग्राफ में छपी एक खबर के मुताबिक बिल में लिंचिंग को हिंसा के कृत्यों का कोई भी काम या इसकी मदद करना, हिंसा को बढ़ावा देना या हिंसा की कोशिश करना, चाहे सहज या योजनाबद्ध तरीके से इसकी योजना बनाना, धर्म, जाति, लिंग, जन्म स्थान, भाषा, भोजन को लेकर, सेक्सुअल ओरिएंटेशन, राजनीतिक प्रतिबद्धता, जातीय या अन्य आधार पर भीड़ द्वारा हिंसा करने के रूप में वर्णित किया गया है।
मामले में वाम विधायक सुजन चक्रवर्ती ने कहा, ‘यह अच्छी पहल है। मुझे सिर्फ बिल की एक कॉपी मिली है। इसके प्रावधानों के देखने के बाद अपने विचार साझा करूंगा।’ तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ मंत्री ने मंगलवार (27 अगस्त, 2019) को कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य कमजोर लोगों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करना और भीड़ द्वारा हत्या की घटनाओं को रोकना है। इसमें अपराध में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई का भी प्रस्ताव किया गया है।
उन्होंने कहा कि मौत के मामले में घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को कठोर आजीवन कारावास और पांच लाख रुपए तक का जुर्माना होगा। मंत्री ने कहा कि विधेयक के अनुसार राज्य के पुलिस महानिदेशक एक समन्वयक नियुक्त करेंगे जो नोडल अधिकारी के रूप में कार्य करेगा। बता दें कि राजस्थान ने एंटी लिंचिंग कानून है जबकि मणिपुर में भीड़ द्वारा हिंसा के खिलाफ कानून बनाया गया है।