सिलक्यारा   27 नवम्बर :  सिलक्यारा सुरंग में 15  दिन से फंसे 41 श्रमिकों को निकालने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग भी  गत दिवस को शुरू कर दी गई। यदि कोई बाधा नहीं आई, तो दो दिन में श्रमिकों तक पहुंच सकते हैं। वहीं, 800 एमएम के पाइप में फंसे ऑगर मशीन के ब्लेड को हैदराबाद से मंगाए प्लाज्मा और लेजर कटर से काटा जा रहा है। पाइप से मशीन के मलबे को निकालने के बाद मैनुअल खोदाई भी शुरू की जाएगी।

पाइप के जरिये बनाए जा रहे रास्ते में लगभग 10 मीटर तक ही खोदाई बाकी है, जिसके बाद श्रमिकों तक पहुंचा जा सकता है। राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लि. के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद ने सिलक्यारा में मीडिया को बताया कि अब तक 24 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग हो चुकी है और कुल 86 मीटर की खोदाई करनी है। सुरंग के ऊपर व दूसरे छोर से काम में तेजी लाने के लिए और टीमें बुलाई गई हैं।

ओएनजीसी की एक टीम आंध्रप्रदेश के राजामुंदरी से पहुंची है। मैनुअल ड्रिलिंग के लिए सेना पहुंची: बचाव कार्य में मदद के लिए भारतीय सेना की इंजीनियरिंग कोर के एक समूह मद्रास सैपर्स की एक इकाई रविवार को सिलक्यारा पहुंची। इसमें 30 सैन्यकर्मी हैं, जो नागरिकों के साथ मिलकर हाथ, हथौड़े और छेनी से सुरंग के अंदर के मलबे को खोदेंगे। फिर पाइप को उसके अंदर बने प्लेटफॉर्म से आगे की ओर धकेलेंगे। वायुसेना भी मदद में जुटी है। वायुसेना ने रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन से कई महत्वपूर्ण उपकरण भेजे हैं।प्लाज्मा व लेजर कटर कारगर साबित हुए हैं। इससे काम में तेजी आई है। अब केवल 8 मीटर तक ही बरमे के फंसे ब्लेडों को काटकर निकालना शेष है। जिससे सुरंग के अंदर भी मैन्युअल ड्रिलिंग दोबारा शुरु होने की उम्मीद जगी है।

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