नई दिल्ली, 7 दिसंबर, 2024

भारत रत्न डॉ. बी.आर. अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुग के आवास पर एक उद्घोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

यह कार्यक्रम, बाबासाहेब के भारत के सामाजिक परिवर्तन में अतुलनीय योगदान को सम्मानित करने के लिए समर्पित था। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पाली को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता देने के ऐतिहासिक फैसले को भी सराहा गया, जिसे भगवान बुद्ध की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बी.एल. संतोष ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया। सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के कारण आज फिर से लाफिंग बुद्ध मुस्कुरा रहे हैं। पाली को मान्यता मिलने से विशेष रूप से वैश्विक बौद्ध समुदाय में प्रसन्नता है।”

डॉ. अंबेडकर को याद करते हुए उन्होंने कहा, “डॉ. अंबेडकर 20वीं सदी के भारत के ऐसे महान व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने भारतीय समाज को सामाजिक न्याय दिलाया। उनका सबसे बड़े योगदान, भारतीय संविधान, हमेशा याद किया जाएगा। आने वाले 60 दिनों में भाजपा पूरे देश में घर-घर जाकर भारतीय संविधान के बारे में लोगों को जागरूक करेगी।”

इस अवसर पर बोलते हुए तरुण चुग ने डॉ. अंबेडकर के प्रति राष्ट्र की अनंत कृतज्ञता व्यक्त की, जिन्होंने भारत में समानता और सामाजिक न्याय की नींव रखी। उन्होंने कहा, “डॉ. अंबेडकर का सामाजिक परिवर्तन का दृष्टिकोण आज भी देश को मार्गदर्शन प्रदान करता है। हाशिये पर खड़े समुदायों को सशक्त बनाने में उनका योगदान अतुलनीय है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व ने इस विरासत को और मजबूत किया है, जिससे बौद्ध धर्म की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर संरक्षित हुई है और पाली को मान्यता मिली है।”

प्रमुख भिक्षुओं, विद्वानों और गणमान्य व्यक्तियों ने बौद्ध शिक्षाओं के संरक्षण और वैश्विक शांति को बढ़ावा देने के प्रति प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिबद्धता की प्रशंसा की। उन्होंने पाली को मान्यता देने को भारत को बौद्ध धर्म के वैश्विक केंद्र के रूप में मजबूत करने की दिशा में एक मील का पत्थर बताया।

इस कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख व्यक्तियों में डॉ. अनिर्बान गांगुली, वें. संघसेन भिक्षु, वें. लामा चोस्पेल ज़ोटपा, आचार्य येशी फुंटसोक, वें. दीपंकर सुमेधो भंते, ताशी ग्यालसन, श्रीमती रिनचेन लामो और सुब्रतो बारुआ शामिल थे।

इस कार्यक्रम में महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया, मंगोलियन बौद्ध एसोसिएशन, मोगलमारी बौद्ध एसोसिएशन, इंटरनेशनल बौद्ध कॉन्फेडरेशन, बुद्ध त्रिरत्न मिशन, महाबोधि इंटरनेशनल मेडिटेशन सेंटर, बौद्ध वेलफेयर मिशन, लद्दाख स्वायत्त हिल विकास परिषद, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग और शांतिनिकेतन अंबेडकर बौद्ध वेलफेयर मिशन जैसे प्रमुख संगठनों की भागीदारी देखी गई।

गणमान्य व्यक्तियों ने समाज के सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित वर्गों को ऊपर उठाने और समावेशिता एवं प्रगति सुनिश्चित करने के लिए मोदी सरकार के अथक प्रयासों की सराहना की। चुग ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत भगवान बुद्ध के शांति के संदेश को बढ़ावा दे रहा है, जो अब हमारी घरेलू और वैश्विक नीतियों के लिए एक मार्गदर्शक सिद्धांत बन गया है।”

तरुण चुग के आवास पर आयोजित इस कार्यक्रम ने न केवल डॉ. अंबेडकर के दूरदर्शी योगदान का उत्सव मनाया, बल्कि समकालीन समय में सद्भाव और प्रगति को बढ़ावा देने में भगवान बुद्ध की शिक्षाओं की प्रासंगिकता को भी रेखांकित किया।

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