नीतिन कौड़ा, जालंधरः दिव्य जागृति संस्थान द्वारा जेसीसी क्लब न्यू इमेज अकादमी की तरफ से ह्यूमन बीइंग व ह्यूमन डूइंग पर न्यू इमेज आकदमी मोता सिंह नगर मे सेमिनार आयोजन किया गया।जिसमे मुख्य वक्ता के रूप मे साध्वी ओम प्रभा भारती जो विशेष रूप से पहुचीं।
जनमानस को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि आज समाज के पास श्कित भी है और मंजिल हासिल करने के ऊंचे मुकाम बी तो आज समाज इतने तनाव और अवसाद में क्यों है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 2020 तक केवल युवाओं को अपनी गिरफंत में लेने वाली सबसे बड़ी बीमारी डिप्रैशन होगी।
युनेस्को को क्यों कहना पड़ रहा है कि आने वाले समय में युवाओं की ज्यादा भीड़ मनोचिकित्सों की क्लीनकों पर दखने को मिलेगी। ऐसी हालत का कारण है नाकारात्मक्ता का बढ़ जाना आज समाज के पास साकारात्मकता नहीं है। तभी तो हम छोटी-छोटी चुनौतियों के आगे माथा टेक जेते हैं। कहने से अभिप्राय व्यक्ति अपनी नाकारात्मक सोच एवं कर्म पर तभी अंकुश लगा सकता है जब वह अपनी आत्मा को जान लेता है। एक एक्टिवटी द्वारा समझाते हुए उन्होंने कहा कि एक साकारात्मक दृषिट्कोण के साथ आप जीवन के उज्जवल पक्ष को देखने में आशावादी हो जाते हैं।
यह निश्चित रूप से म की एक अवस्था है। मन के विचारों पर सवार होकर, आप प ल भर में एक लोक से दूसरे लोक की सैर कर सकते हैं, जो हमें एक क्षण में श्रेष्ठता की ऊंचाईयों तक पहुंचा देतेे हैं, तो दूसरे ही पल पतन की गहराईयों में लुढ़का देते हैं। मिल्टन के शब्दों में कहे तो मन के विचार मिनटों में स्वर्ग को नर्क और नर्क को स्वर्ग में बदल सकते हैं। सरात्मक और नकारात्मक सोच ही आप के जीवन मे उजाला और अंधेरे ला सकता है।अंतर इतना है की आप क्या सोचते है।