नई दिल्लीः आखिरकार केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मान लिया कि उनके पास कोई डिग्री नहीं है और उन्होंने सिर्फ बीकॉम पार्ट वन ही किया है। हालांकि इससे पहले वह इस आरोप को खारिज करती रही हैं।
मोदी सरकार में कई अहम विभागों की मंत्री रहीं स्मृति ईरानी ने गुरुवार को अमेठी लोकसभा क्षेत्र से नामांकन दाखिल किया। नामांकन के लिए भरे गए शपथ पत्र में उन्होंने अपनी अधिकतम शैक्षिक योग्यता का भी जिक्र किया है। अपने चुनावी हलफनामे में ईरानी ने खुलासा किया है कि उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से पहले साल बैचलर ऑफ़ कॉमर्स यानी बी कॉम के लिए अपनी परीक्षा दी थी, लेकिन “तीन साल का डिग्री कोर्स पूरा नहीं किया”।
यहां दिलचस्प यह है कि स्मृति ईरानी की शिक्षा को लेकर काफी विवाद होता रहा है। उन्होंने 2004 और 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्होंने अपनी शैक्षिक योग्यता को लेकर अलग-अलग दावे किए थे।
2004 में दिल्ली के चांदनी चौक से लोकसभा चुनाव लड़ने के दौरान स्मृति ईरानी ने शपथ पत्र में कहा था कि उन्होंने बीए पास किया है। लेकिन 2014 में उन्होंने जब अमेठी से नामांकन भरा तो शपथ पत्र में अपनी शैक्षिक योग्यता बी.कॉम बताई थी। इन दोनों शपथ पत्रों में बताई गई अलग-अलग शैक्षिक योग्यता के कारण काफी विवाद उठा था और सार्वजनिक बहसों और मंचों पर उनसे इस बारे में सवाल भी पूछे गए थे। मामला इतना बढ़ा कि कोर्ट तक जा पहुंचा था। जिस समय यह विवाद हुआ था, उस समय स्मृति मानव संसाधन विकास मंत्री के पद पर कार्यरत थीं।