जिलाधीश जालंधर श्री कुलवंत सिंह ने सरकारी विभागों को कहा कि जालंधर को डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया और पानी से पैदा होने वाली बीमारियों से मुक्त बनाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए।

   जिला प्रशासकीय कंपलैक्स में मीटिंग की अध्यक्षीय करते हुए जिलाधीश ने नगर निगम जालंधर, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास ,पंचायत और स्थानीय निकाय सरकारें विभाग को कहा कि जिले में पानी से पैदा होने वाली ऐसीं बीमारियों को फैलने से रोकनो के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाएं जाएं। उन्होनें कहा कि नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग को डेंगू लारवा पैदा करने वाले स्थानों सम्बन्धित पहले ही जाँच-पडताल कर लेनी चाहिए। उन्होनें कहा कि स्वास्थ्य और स्थानीय सरकारें विभाग की सांझी टीमों को घर -घर जा लोगों की लापरवाही कारण कूलरों और अन्य फ़ालतू समान में डेंगू लारवा पैदा करने वाले स्थानों के बारे में पता करना चाहिए।

जिलाधीश ने कहा कि सरकारी दफ़्तरों में भी कूलरों और अन्य टूटे बर्तनों की जांच ज़रूर करनी चाहिए। उन्होनें कहा कि जिला प्रशासन जिला निवासियों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए वचनबद्ध है। उन्होनें कहा कि ऐसीं बीमारियों पर काबू करने के लिए ज़रुरी प्रबंध करने की ज़रूरत है। उन्होनें बताया कि साल 2015 में डेंगू के 1047और साल 2016 में 580 डेंगू केस सामने आए हैं। इसी तरह साल 2017 में 455 और साल 2018 में 704 डेंगू केस सामने आए थे। उन्होनें कहा कि जिला जालंधर को इन बीमारियां से पूरी तरह मुक्त करने के लिए हर संभव प्रयत्न किये जाने चाहिएं।

       जिलाधीश ने पानी से पैदा होने वाली बीमारियों प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए अभियन चलाने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कहा कि लोगों को पता होना चाहिए कि डेंगू और चिकनगुनिया मच्छर दिन के समय पर काटता है।

       इस अवसर पर डिप्टी कमिशनर जिन के साथ सिविल सर्जन डा.गुरिन्दर कौर चावला, जिला ऐपीडीमोलोजिस्ट डा.सतीश कुमार, डा.सोबना बांसल और अन्य भी उपस्थित थे।

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