
दिल्ली: राष्ट्रीय राजमार्गों पर बेसहारा पशुओं के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने और सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए NHAI ने एक महत्वपूर्ण पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने का फैसला लिया है। इस प्रोजेक्ट के तहत राजमार्गों पर पशुओं के लिए आश्रयस्थल बनाए जाएंगे, ताकि सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके और पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा राष्ट्रीय राजमार्गों पर बेसहारा पशुओं के घुसने से दुर्घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। इन दुर्घटनाओं से न केवल वाहनों में सवार लोग प्रभावित होते हैं, बल्कि पशु भी दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं। पहले फेंसिंग और बैरियर जैसे उपाय किए गए थे, लेकिन वे पूरी तरह से प्रभावी साबित नहीं हुए हैं। या तो उनकी ऊंचाई कम होती है, या उनका रखरखाव ठीक से नहीं होता। अब NHAI ने निर्णय लिया है कि ऐसे स्थानों पर पशु आश्रयस्थल बनाए जाएं, जहां इन बेसहारा पशुओं को एक सुरक्षित स्थान मिल सके और वे सड़क पर न आ सकें। इसके साथ ही अगर कोई पशु दुर्घटना का शिकार हो जाता है, तो उसे इलाज की सुविधा भी मिल सकेगी।आश्रयस्थलों का निर्माण उन हाईवे और एक्सप्रेसवे के आसपास किया जाएगा, जहां पर बेसहारा पशु अक्सर सड़क पर आ जाते हैं। इसके तहत उत्तर प्रदेश-हरियाणा सीमा के रोहना सेक्शन पर खरखोदा और हांसी बाईपास पर आश्रयस्थल बनाए जाएंगे। इसके अलावा कीरतपुर-नेर चौक पर भी एक और आश्रयस्थल की योजना है।