
उत्तर प्रदेश : हाथरस में मची भगदड़ को आज एक हफ्ते पूरे हो चुके हैं। पिछले मंगलवार को सत्संग के दौरान ये दर्दनाक हादसा हुआ था। जिसमें 121 लोगों की जान चली गई थी। 35 के लगभग लोग इस हादसे में घायल थे। आठ दिन बाद भी हाथरस हादसा चर्चा में बना हुआ है। बाबा सूरजपाल को लेकर रोज नए खुलासे होते हैं। बाबा का करीबी सेवादार देव प्रकाश मधुकर सलाखों के पीछे पहुंच गया है। इसी बीच स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (SIT) ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। 300 पेज की इस रिपोर्ट में कई बड़ी चीजें सामने आई हैं।खबरों के अनुसार SIT ने अपनी रिपोर्ट में भगदड़ का मुख्य कारण भीड़ को ठहराया है। SIT का कहना है कि सत्संग में हद से ज्यादा भीड़ होने के कारण भगदड़ मची और इतने लोगों की जान चली गई। स्थानीय प्रशासन की तरफ से सत्संग में सिर्फ 80 हजार लोगों को शामिल होने की अनुमति मिली थी। मगर इस आयोजन में 2 लाख से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। ऐसे में जब भगदड़ मची तो धक्का मुक्की में सभी एक के ऊपर एक गिरने लगे और नीचे दबने के कारण 121 लोगों की मौत हो गई।2 जुलाई को घटना के दौरान कुछ पुलिसकर्मी भी मौके पर तैनात थे। उन पुलिसकर्मियों ने भी SIT को पूरी कहानी बयां की है। इसके अलाव SIT की रिपोर्ट में पीड़ित परिवारों का बयान भी मौजूद है। परिजनों को खोने वाले कई पीड़ितों ने अपनी आपबीती सुनाई है। सभी के बयान लेने के बाद SIT इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि अगर सत्संग में भीड़ अधिक ना होती तो शायद ये हादसा टल सकता था।बता दें कि 2 जुलाई मंगलवार को हाथरस में बाबा सूरजपाल का सत्संग आयोजित किया गया था। इस सत्संग में बाबा के लाखों अनुयायी शामिल थे। सत्संग में मौजूद लोगों की मानें तो बाबा ने परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए चरण रज लेने का ऐलान किया और कार में सवार होकर वहां से निकल पड़े। बाबा के पीछे अनुयायियों की भीड़ भी उनके चरणों की धूल लेने दौड़ी और वहां भगदड़ मच गई।SIT ने अपनी रिपोर्ट में 119 लोगों के बयान दर्ज किए हैं। इनमें से ज्यादातर लोग घटनास्थल पर मौजूद थे और उन्होंने SIT को आंखों देखा हाल सुनाया है। इसके अलावा रिपोर्ट में हाथरस के जिलाधिकारी आशीश कुमार, एसपी निपुण अग्रवाल और एसडीएम समेत कई आला अफसरों के बयान लिए गए हैं।