जालंधर : पंजाब के औद्योगिक शहर जालंधर की पहचान अब प्रदूषण की राजधानी के रूप में होती जा रही है। सरफेस वाटर प्रोजेक्ट के तहत चल रही मेन सड़कों की खुदाई और उससे उठ रही मिट्टी ने शहरवासियों का जीना दुश्वार कर दिया है। इस समय शहर की आधा दर्जन से अधिक सड़कों को खोद कर उनके नीचे पाइपलाइन बिछाई जा रही है, जिनमें महावीर मार्ग, तल्हन रोड और वेरका प्लांट के निकट क्षेत्र प्रमुख हैं।ये सभी मुख्य सड़कें हैं जहां पर भारी मात्रा में ट्रैफिक चलता है। गाड़ियों के आवागमन के कारण खुदाई से निकली मिट्टी उड़कर हवा में फैल रही है, जिससे वातावरण गंभीर रूप से प्रदूषित हो गया है। खुदाई से निकली मिट्टी ने गर्मी के चलते पाउडर का रूप ले लिया है, जो अब हवा में उड़कर लोगों के फेफड़ों और आंखों तक पहुंच रही है। स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है कि लोगों में दमा, टी.बी. और सांस संबंधी बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके अलावा आंखों में जलन, चमड़ी रोग और गले में खराश जैसी समस्याएं आम हो चुकी हैं।

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