एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर में संस्थापक अध्यक्ष डॉ सत्यपाॅल जी को उनकी पन्द्रहवीं पुण्यतिथि पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। इस पावन अवसर पर संगीत विभाग के विद्यार्थियों ने सत्यपाॅल जी के प्रिय भजन ‘विश्व पति के ध्यान में जिसने लगायी हो लग्न”, “रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीताराम”एवं संगीत विभाग के विद्यार्थी तनिष्क ने ‘चल मन वृंदावन की ओर’ एवं नारायण रमारमणा भजन गाकर उनको सुरमयी श्रद्धांजलि अर्पित की। एपीजे एजुकेशन एवं एपीजे सत्या एंड स्वर्ण ग्रुप की अध्यक्ष तथा एपीजे सत्या यूनिवर्सिटी की चांसलर श्रीमती सुषमा पॉल बर्लिया ने डॉ सत्यपाॅल जी की पुण्यतिथि पर अपने संदेश में कहां की सत्यपाॅल जी मानवीय गुणों से संपन्न,नैतिक मूल्यों के संरक्षक,सकारात्मक सोच के धनी, देश प्रेम की अद्भुत मिसाल लिए हुए एवं शिक्षा के विकास के प्रति समर्पित, नेतृत्व के गुणों को अपने में समाहित किए हुए महान व्यक्तित्व के स्वामी थे, उन्होंने अपने संदेश में कहा कि उनके गुणों को जीवन में उतारकर निरंतर उन्नति की तरफ आगे बढ़ते रहना ही वास्तव में उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हम डॉ सत्यपाॅल जी की मूल अवधारणाओं को समाहित करते हुए विद्यार्थियों के व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास हेतु शिक्षा देने के लिए सदा तत्पर रहते हैं। इस अवसर पर डॉ सत्यपाॅल जी के साथ गुजारे गए बहुमूल्य क्षणों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि वह हर टीचर्स के साथ बहुत प्यार से अपनी मातृभाषा में ही बात करते थे और उनकी खूबियों की दिल खोलकर तारीफ करते थे और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते थे। वे कॉलेज के टीचर्स को अपने बच्चों की तरह ही प्यार करते थे, उन्होंने कहा कि आज एपीजे कालेज ने जिन बुलंदियों को छुआ है उसकी नींव डॉ सत्यपाॅल जी की प्रेरणा एवं दूरदर्शिता ही है।

Disclaimer : यह खबर उदयदर्पण न्यूज़ को सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है। उदयदर्पण न्यूज़ इस खबर की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं करता है। यदि इस खबर से किसी व्यक्ति अथवा वर्ग को आपत्ति है, तो वह हमें संपर्क कर सकते हैं।