
दिल्ली: इसराईल-ईरान युद्ध अभी शुरू ही हुआ है। पहले ही दिन इसराईल ने ईरान के 8 सेना जनरल, 6 परमाणु वैज्ञानिक मार गिराए और तेहरान से 135 मील दक्षिण पूर्व स्थित परमाणु स्थल नताज में भी क्षति पहुंचाई है। इसराईल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने घोषणा की है कि जितने दिन लगेंगे, इसराईल उतने दिनों तक, संभवत: कई सप्ताह तक, हमले जारी रखेगा ताकि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को कमजोर करके उसकी सेना को तबाह किया जा सके। ईरान ने भी इसराईल पर ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं और उसके पास जवाबी कार्रवाई के कई अन्य विकल्प हैं जिसमें और अधिक रक्तपात की संभावना है, अत: यह देखना भी जरूरी है कि किन उपायों से यह युद्ध समाप्त किया जा सकता है। पहला विकल्प तो यह है कि ईरान ने इसराईल पर कई बार सैन्य हमले किए और अपने लोगों के सामनेे दावा किया कि उसने जवाबी हमला करके इसराईलियों को खून से लथपथ करके पीछे धकेल दिया है और वह संघर्ष विराम के लिए अमरीका तथा अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों को तुरंत स्वीकार कर ले। संक्षेप में आत्मसमर्पण अब करे ताकि फिर बाद में लड़ा जा सके। जिस प्रकार हिजबुल्ला जवाबी हमला किए बिना इसराईल की शर्तों पर संघर्ष विराम के लिए सहमत हो गया था।दूसरी संभावना यह है कि ईरान डटा रहे और इसराईल के विरुद्ध कुछ आतंकवाद के रूप में या इसराईल की रक्षा को भेदने वाले कुछ मिसाइल हमले भी करे या अन्य तरीके अपनाए। जब तक युद्ध को रोकने के लिए इसराईल पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव न बने।