
जालंधर, 25 जून: सेंट सोल्जर डिवाइन पब्लिक स्कूल, खाम्बरा ने विश्व नशा मुक्ति दिवस मनाया, जिसमें विद्यार्थियों के लिए एक गतिविधि आयोजित की गई, ताकि उन्हें इस दिवस के बारे जागरूक हो सके। विद्यार्थियों ने नशा मुक्ति दिवस के बारे में अलग-अलग पोस्टर बनाए। उन्होंने अपने विचारों को अपनी ड्राइंग के माध्यम से दर्शाया। कुछ विद्यार्थियों ने कविताएं और भाषण सुनाए, ताकि हमारी युवा पीढ़ी को इस बारे में पता चले। हम सभी जानते हैं कि आज के युवा विद्यार्थी भारत का भविष्य हैं। अगर वे नशा करेंगे, तो यह हमारे देश का अंत होगा। इसलिए, वे अपने चित्रों के माध्यम से लोगों को नशे के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक करने का प्रयास करते हैं, ताकि लोग इसे समझें। नशा एक पुरानी मस्तिष्क संबंधी बीमारी है, यह व्यक्ति को बार-बार नशा करने के लिए मजबूर करती है। इससे व्यक्ति को नुकसान होने के बावजूद भी बार-बार नशा करना पड़ता है। बार-बार नशा करने से मस्तिष्क में परिवर्तन हो सकता है और नशे की लत लग सकती है। इस दिवस पर ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन श्रीमती संगीता चोपड़ा ने कहा कि नशे की लत से मस्तिष्क में होने वाले परिवर्तन स्थायी हो सकते हैं, इसलिए नशे की लत को “पुनरावर्ती” बीमारी माना जाता है।