27 जून, लुधियाना / चंडीगढ़

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुग ने आपातकाल की 50वीं बरसी पर लुधियाना में आयोजित जिला गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि—“25 जून 1975 को लगाया गया आपातकाल किसी राष्ट्रीय संकट की वजह से नहीं, बल्कि सत्ता लोलुपता में उस वक़्त की कांग्रेसी प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी द्वारा संविधान के खिलाफ रची गई साजिश थी। यह न्यायपालिका द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद सत्ता में बने रहने की बौखलाहट थी।”

चुग ने कहा कि इंदिरा गांधी ने अनुच्छेद 352 का दुरुपयोग करते हुए लोकतंत्र को पल भर में तानाशाही में बदल दिया। “जिस संविधान की शपथ ली थी, उसी को कुचल दिया गया। प्रेस की आज़ादी छीन ली गई, न्यायपालिका को दबा दिया गया, और विपक्ष के नेताओं को जेलों में ठूंस दिया गया।”

उन्होंने बताया कि संविधानिक पद न रखने वाले संजय गांधी ने उस दौर में देश चलाया। जयप्रकाश नारायण, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और राजनाथ सिंह जैसे विपक्षी नेता बिना मुकदमे के जेल में बंद कर दिए गए। जस्टिस एच.आर. खन्ना जैसे निष्पक्ष न्यायाधीश को उनके फैसले की सजा दी गई।

चुग ने कहा कि वर्त्तमान की गाँधी परिवार की परिक्रमावादी कांग्रेस ने प्रेस काउंसिल को भंग कर, सोशल मीडिया पर ‘डिजिटल आपातकाल’ थोप कर, और झूठ फैलाने वालों को संरक्षण देकर यह साबित कर दिया कि वह आज भी वैसी ही है। “संस्थाओं को बंधक बनाना, परिवारवाद को लोकतंत्र पर थोपना और विपक्ष की आवाज़ को देशद्रोह बताना—यह सब उस तानाशाही मानसिकता का ही विस्तार है।”

आप सरकार पर हमला करते हुए, चुग ने कहा—“भगवंत मान की सरकार चंडीगढ़ से नहीं, केजरीवाल के घर से उनके करीबियों से चलती है। बिक्रम मजीठिया की गिरफ्तारी राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है। यह केजरीवाल का ‘डंडा तंत्र’ है—जिसमें विपक्ष की आवाज़ को दबाया जाता है, ठीक उसी तरह जैसे इंदिरा गांधी ने किया था।”

चुग ने कहा कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस एक ही सिक्के के दो पहलू हैं—एक आपदा तो दूसरी कापदा। दोनों ने मिलकर पंजाब को लूटा है और लोकतंत्र को शर्मसार किया है।

उन्होंने कहा कि बहुत जल्द पंजाब की जनता इन दोनों को पूरी तरह नकार देगी, क्योंकि जनता अब इनके झूठ और पाखंड से ऊब चुकी है।

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